दिवाली पर बच्चों के लिए कविताएँ – Diwali kavita in Hindi

दिवाली पर बच्चों के लिए कविताएँ – Diwali kavita in Hindi- Diwali Status in Hindi : जैसे की आपको पता है दिवाली त्यौहार हिंदी धर्म का लोकप्रिय त्यौहार है. पुरे महाराष्ट्र देश में इस त्यौहार को बोहोत उत्साह से मनाया जाता. भारतीय संस्कृति मैं इस त्यौहार का महत्त्व बोहोत ज्यादा है. दिवाली उत्सव के रूप में आपके जीवन में सुंदर दिन आते है. सब लोग उत्साह से इस तयोहार को मनाते है नये नये कपडे पेहेनते है.

सब लोक एक दूसरे को शुभकामनाये देते है. दिवाली के सभी दिनों से रिलेटेड kavita है. तो यहाँ पर हमने दिवाली के बोहोत सही Diwali kavita बताये है जो आप आपके friends और family के साथ share कर सकते है.

अगर आप students हो और आपके school में दिवाली पर कविताये लिखनेको बोली हो तो आप ये कविताये पढ़ सकते है और आपके friends के साथ भी share कर सकते है.

Diwali kavita in Hindi

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दिवाली पर बच्चों के लिए कविताएँ – Diwali kavita in Hindi

ना फुलजड़ी फटाके बुलाते मुझे 
ना गुलाब जामुन की खुशबू ललचाती मुझे
ना फुलजड़ी फटाके बुलाते मुझे 
ना गुलाब जामुन की खुशबू ललचाती मुझे
ना नए कपड़ों की चाहत खीचें मुझे 
ना गहनों चमक लुभाए आये मुझे
मुझे तो चाहिए कुछ अनमोल घड़ी 
जब फिर से जुड़ती अपनों से कड़ी
दिवाली की रंगत ना भाती मुझे 
बस माँ की गोद ही याद आती मुझे
नहीं वो बचपन की दिवाली सजे 
बस मुझे मेरे अपनों का साथ मिले 
बस साथ मिले ||


दिवाली त्योहार दीप का,
मिलकर दीप जलाएंगे,

सजा रंगोली से आंगन को,
सबका मन हर्षाएंगे,

बम-पटाखे भी फोड़ेंगे,
खूब मिठाई खाएंगे,

दिवाली त्यौहार मिलन का,
घर-घर मिलने जाएंगे।

दीपों की पंक्ति में हँसती,
दिवाली की रात है आई.

दीपा, राजू ने मिल-जुल कर,
घर, आँगन की करी सफाई.

पूजा की थाली में सजते,
मेवा, कुमकुम, फूल, मिठाई.

फूलझड़ी नाचे मतवाली,
नाचे फिरकी और हवाई.

खिल खिल करते हँसे अनार,
बम्बों ने है धूम मचाई.

पुण्य सदा जीता है जग में,
यही तो है अटल सच्चाई.

प्रेम प्यार का भाव बताती,
दिवाली की रात है आई.


हर घर, हर दर, बाहर, भीतर,
नीचे ऊपर, हर जगह सुघर,
कैसी उजियाली है पग-पग,
जगमग जगमग जगमग जगमग!

छज्जों में, छत में, आले में,
तुलसी के नन्हें थाले में,
यह कौन रहा है दृग को ठग?
जगमग जगमग जगमग जगमग!

पर्वत में, नदियों, नहरों में,
प्यारी प्यारी सी लहरों में,
तैरते दीप कैसे भग-भग!
जगमग जगमग जगमग जगमग!

राजा के घर, कंगले के घर,
हैं वही दीप सुंदर सुंदर!
दीवाली की श्री है पग-पग,
जगमग जगमग जगमग जगमग!

Diwali kavita in Hindi

दिवाली क दीपक जगमगाये आपके आँगन में ,
सात रंग सजे इस साल आपके आँगन में

आया है ये त्यौहार खुशियाँ लेके
हर ख़ुशी सजे इस साल आपके आँगन में

रौशनी से हो रोशन हर लम्हा आपका
हर रौशनी सजे इस साल आपके आँगन में

दुआ हम करते है आप सलामत रहे
हर दुआ सजे इस साल आपके आँगन में


फिर खुशियों के दीप जलाओ,

यह प्रकाश का अभिनंदन है,

अंधकार को दूर भगाओ,

पहले स्नेह लुटाओ सब पर,

फिर खुशियों के दीप जलाओ।


दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे |
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
आज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।


पों का त्यौहार दिवाली आई हैं,
खुशियों का संसार दिवाली आई हैं.

घर आँगन सब नया-सा लगता हैं,
नया -नया परिधान सभी को फबता हैं,
नए नए उपहार दिवाली लायी हैं,
खुशियों का संसार दिवाली लायी हैं.

दीप सजे जैसे मोती की लड़ियाँ हैं,
नन्हे -नन्हे हाथों में फूलझड़ियाँ हैं,
जलते हुए अनार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है.


खेतों ने ओढ़ ली है धानी चादर
भूमि पुत्र भी मंद मंद मुस्का रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

मौसम भी करवट बदल रहा है
सर्द ऋतु का आगाज हो रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

चंचल मन हर्षा रहा है
दीपों का त्यौहार आ रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

सब लोग मंगल गीत गा रहे है
ढोल पतासे और घंटियां बजा रहे है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

प्रकृति हो रही है भाव विभोर
चहु खुशियों की लहर उठ रही है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

सब मिलजुल कर घर से जा रहे है
मां लक्ष्मी भी कृपा बरसा रही है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।


आई दिवाली, आई दिवालीखुशियों को संग लाई दिवाली बच्चे आए बड़े भी आएसबने सुंदर दीप जलाए दीपों से जगमग संसारएक-दूजे से बढ़ता प्यार 


सोने की बाती, चाँदी सा उजाला,
दीपावली का पर्व है मतवाला.

बम फटे और चले पटाखे,
रोशनी से मूंद -मूंद गयी आँखें.

अमावस का धुला दाग काला,
दीपावली का पर्व मतवाला.

फसल आई घर शुभ यही लाभ,
हिसाब नए शुरू यही रंग आम.

बधाई मिठाई का चला है दौर,
साफ़ स्वछता है हर ठौर.

नया कैलेंडर ये बतलाता,
दीपावली का पर्व है मतवाला.


आसमान से उतरे तारे,
झिलमिल करते दीपक न्यारे!
हँसी ख़ुशी का मौसम आया,
संग कई सौगातें लाया,
सबने अपने ही हाथों से,
घर आँगन को खूब सजाया…

वंदनवार सजे हर द्वारे,
झिलमिल करते दीपक न्यारे.
दीपों की सजी है बारात,
तिमिर भूला अपनी औकात…

सप्तरंग की लड़ियाँ सजती,
घूम धड़ाके आज की रात..
ऊँच – नीच की मिटें मीनारें,
झिलमिल करते दीपक न्यारे..

खिल खिल करके हँसते अनार,
फिरकी हरदम खड़ी तैयार,
फुलझड़ी की आभा न्यारी,
चहूँ तरह फैला अंगार…

हँसी ख़ुशी को बाटें सारे,
झिलमिल करते दीपक न्यारे!

पर्व है पुरुषार्थ का,
दीप के दिव्यार्थ का,


देहरी पर दीप एक जलता रहे,
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे,

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा,
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,

दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,

आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!

झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!


दीपों का त्योहार दीवाली।
खुशियों का त्योहार दीवाली॥

वनवास पूरा कर आये श्रीराम।
अयोध्या के मन भाये श्रीराम।।

घर-घर सजे , सजे हैं आँगन।
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम।।

लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग।
लड्डुओं का लगता है भोग॥

पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई ।
देखो देखो दीपावली आई॥

Diwali kavita in Hindi

जलाई जो तुमने-
है ज्योति अंतस्तल में ,
जीवन भर उसको
जलाए रखूँगा |

तन में तिमिर कोई
आये न फिर से,
ज्योतिगर्मय मन को
बनाए रखूँगा |

आंधी इसे उडाये नहीं
घर कोइ जलाए नहीं
सबसे सुरक्षित
छिपाए रखूँगा |

चाहे झंझावात हो,
या झमकती बरसात हो
छप्पर अटूट एक
छवाए रखूँगा |

दिल-दीया टूटे नहीं,
प्रेम घी घटे नहीं,
स्नेह सिक्त बत्ती
बनाए रखूँगा |

मैं पूजता नो उसको ,
पूजे दुनिया जिसको ,
पर, घर में इष्ट देवी बिठाए |


मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार,
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार,
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार,
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार…

मुझको जो भी मिलना हो, वह तुमको ही मले दोलत,
तमन्ना मेरे दिल की है, सदा मिलती रहे शोहरत,
सदा मिलती रहे शोहरत, रोशन नाम तेरा हो
कामो का ना तो शाया हो निशा में न अँधेरा हो…

दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक
जलाओ प्रेम के दीपक, अँधेरा दूर करना है
दिलों में जो अँधेरा है, उसे हम दूर कर देंगे
मिटा कर के अंधेरों को, दिलो में प्रेम भर देंगे…

मनाएं हम तरीकें से तो रोशन ये चमन होगा
सारी दुनियां से प्यारा और न्यारा ये वतन होगा
धरा अपनी, गगन अपना, जो बासी वो भी अपने हैं
हकीकत में वे बदलेंगे, दिलों में जो भी सपने हैं…


है दीप पर्व आने वाला
हमको भी दीप जलाना है
मन के अंदर जो बसा हुआ
सारा अंधियार मिटाना है

हम दीप जला तो लेते हैं
बाहर उजियारा कर लेते
मन का मंदिर सूना रहता
बस रस्म गुजारा कर लेते

इस बार मगर कुछ नया करें
अंतस का दीप जगाना है

बाहर का अंधियार मिटा
फिर भी ये राह अबूझी है
जब तक अंतर्मन दीप बुझा
देवत्व राह अनबूझी है

सद्ज्ञान राह फैलाकर के
सारा मानस चमकाना है
है दीप पर्व आने वाला।


दीपो से महके संसार
फुलझड़ियो की हो झलकार
रंग-बिरंगा है आकाश
दीपों की जगमग से आज
हँसते चेहरे हर कहीं
दिखते है प्यारे-प्यारे से
दीवाली के इस शुभ दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |
मुन्ना- मुन्नी गुड्डू-गुड्डी ,
सबके मन में है हसी-ख़ुशी
बर्फी पेठे गुलाब जामुन पर
देखो सबकी नज़र गड़ी
बजते बम रोकेट अनार पटाखे |
दिखते है प्यारे-प्यारे से
दीवाली के इस शुभ-दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |
मन में ख़ुशी दमकती है
होठो से दुआ निकलती है
इस प्यारे से त्यौहार में
आखें ख़ुशी से झलकती है
आओ मिलकर अब हम बाटें
हँसी-ख़ुशी हर चेहरे में
दीवाली के इस शुभ-दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |


वनवास पूरा कर आये श्रीराम।
अयोध्या के मन भाये श्रीराम।।

घर-घर सजे , सजे हैं आँगन।
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम।।

लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग।
लड्डुओं का लगता है भोग॥

पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई ।
देखो देखो दीपावली आई

आयी है दीवाली देखो,
आयी है दिवाली।

ले के जीवन में खुशहाली,
आयी है दिवाली।

घर-आँगन में है रौनक,
और चारों ओर रंगोली से सजावट।

दियो से सज गयी है चौखटे,
रंगीन हो गयी हैं झालरों से दीवारें।

मन में हर्ष और उल्लास फैलाने,
आयी है दिवाली।

ख़ुशियों ने दी है आहटें,
रौशनी से रौशन है सब।

चारों ओर फैली है जगमगाहट
पटाखों की गूँज से।

आसमाँ भी हो गया है रौशन
आयी है देखो,
आयी है दिवाली।

आई दिवाली आई दिवाली,
खुशियों को संग लाई दिवाली,

बच्चे आए बड़े भी आए,
सबने दीप जलाए,

दीपों से जगमगा संसार,
एक-दूजे से बढ़ता प्यार।


दिवाली आई रेखुशी खूब लाई रेबंट रही मिठाई रेगाओ बहन-भाई रे


अंधेरे बहुत है मेंरी जिंदगी मैं,
तारे दिल मैं कोई जोत जलना चाहते है,
क्या करूंगा जलाकर दिये,
जब तेरे इश्क से दिल रोशन कर लिया है,
तेरे साथ हर दिन दीपावली सा लगता है,
बिन तेरे ये भी खाली सा लगता हैं
लो दीपावली भी आ गयी पर खुशिया कहा है,
कुछ है भी या कुछ भी नही है,
पर हां बाहार शोर बहुत है,
एक दीप तेरे नाम का हमेशा जलता रहेगा,
ये मेरी दीपावली कभी खत्म नही होगी
दिल जलाओ या दिए आखो के दरवाजे पर,
वक्त से पहले तो आते नही आने वाले
कल रोशन की बरसात थी,
आज फिर अँधेरी रात,
बुझते हुए दियो ने हमको भी बुझा दिया
दिल में जला के रखा है तेरी यादो का दिया,
तुम सब आज दीपावली मनाओ,
हम हर रोज दीपावली मनाते है
झिलमिलाते दियो की रौशनी से सजी महफिल बड़ा सताती है,
उसके साथ मनाए वो दीपावली मुझे
बहुत याद आती है…!


दिवाली रोज मनाएं
फूलझड़ी फूल बिखेरे
चकरी चक्कर खाए
अनार उछला आसमान तक
रस्सी-बम धमकाए
सांप की गोली हो गई लम्बी
रेल धागे पर दौड़ लगाए
आग लगाओ रॉकेट को तो
वो दुनिया नाप आए
टिकड़ी के संग छोटे-मोटे
बम बच्चों को भाए
ऐसा लगता है दिवाली
हम तुम रोज मनाएं।


दीपावली का त्योहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।

दीपको की सजी है कतार,
जगमगा रहा है पूरा संसार।

अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया,
दीपावली का त्योहार आया।

सुख-समृद्धि की बहार लाया,
भाईचारे का संदेश लाया।

बाजारों में रौनक छाई,
दीपावली का त्योहार आया।

किसानों के मुंह पर खुशी की लाली आयी,
सबके घर फिर से लौट आई खुशियों की रौनक।

दीपावली का त्यौहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।


जगमग दिये की तरह, जलते रहो तुम सारी उम्र
मन में छुपे अंधेरों को, खलते रहो तुम सारी उम्र

रौशनी की रात आई है, खुशियों की सौगात लाई है
देखो आज ज़मीन पर यूँ, सितारों की बारात आई है

दिवाली के पटाखों की तरह, दर्द के छाले फोड़ दो
हो बुराई जितनी भी मन में, आज तुम सब छोड़ दो

आओ बनाएं एक नया जहां, ना रहे कोई मजबूर जहाँ
जगमगाते रहे यूँही हम सब, दुखों का हो फिर दूर जहां

दीपावली के मौके पर, स्वच्छता की शपथ ले हम
अपने प्यारे भारतवर्ष में, एकता की शपथ ले हम


अंधेरे बहुत है मेंरी जिंदगी मैं,
तारे दिल मैं कोई जोत जलना चाहते हैं,
क्या करूंगा जलाकर दिये,
जब तेरे इश्क से दिल रोशन कर लिया हैं,
तेरे साथ हर दिन दीपावली सा लगता हैं,
बिन तेरे ये भी खाली सा लगता हैं
लो दीपावली भी आ गयी पर खुशिया कहा हैं,
कुछ है भी या कुछ भी नही हैं,
पर हां बाहार शोर बहुत हैं,
एक दीप तेरे नाम का हमेशा जलता रहेगा,
ये मेरी दीपावली कभी खत्म नही होगी
दिल जलाओ या दिए आखो के दरवाजे पर,
वक्त से पहले तो आते नही आने वाले
कल रोशन की बरसात थी,
आज फिर अँधेरी रात,
बुझते हुए दियो ने हमको भी बुझा दिया
दिल में जला के रखा है तेरी यादो का दिया,
तुम सब आज दीपावली मनाओ,
हम हर रोज दीपावली मनाते हैं
झिलमिलाते दियो की रौशनी से सजी महफिल बड़ा सताती हैं,
उसके साथ मनाए वो दीपावली मुझे
बहुत याद आती हैं।।

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