ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध, फायदे, नुकसान – Essay on Greenhouse Effects in Hindi

इस पोस्ट में हम जानेंगे ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध- Essay on Greenhouse Effects in Hindi के बारे में.साथ ही साथ में हम जानेंगे क्या होता है ग्रीनहाउस का प्रभाव और ग्रीनहाउस के प्रभाव से होने वाले लाभ और हानि, कारण,प्रकार और ग्रीनहाउस के प्रभाव को कम करने का उपाय इन से जुड़ी सभी जानकारी..

ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध

ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध (Essay on Greenhouse Effects in Hindi ):

ग्रीनहाउस प्रभाव आखिर होता क्या है? यह एक ऐसी प्राकृतिक होने वाली एक ऐसी घटना है जिसके वजह से पृथ्वी का तापमान गर्म रहने में मदद होती है. ग्रीनहाउस इफेक्ट के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि क्योंकि ग्रीनहाउस इफेक्ट पृथ्वी के लिए कितना महत्वपूर्ण है कि बात ज्यादातर लोग जानते ही नहीं है. लेकिन अब आप यह पूछेंगे कि ग्रीनहाउस के प्रभाव और पृथ्वी के गर्म रहने का क्या संबंध है? या फिर कुछ लोगों के मन में यह भी आता होगा कि अगर ग्रीनहाउस इफेक्ट यानी प्रभाव ना होता तो क्या फरक पड़ता  है?

ग्रीनहाउस प्रभाव ना होता आज पृथ्वी की सतह का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने के बजाय ठंडा होकर – 20 डिग्री सेल्सियस या उससे भी नीचे होता. यही मुख्य कारण है कि ग्रीन हाउस प्रभाव का होना पृथ्वी के ऊपर जीवन का फल फूलना मुमकिन हो पाया है.

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है? What is Greenhouse Effect in Hindi

अगर आपको ग्रीनहाउस प्रभाव को समझना है तो उससे पहले आपको वायुमंडल और वहां पर होने वाली सूर्य की किरने या ऊर्जा के बारे में समझना होगा. इस वायु मंडल में पृथ्वी के अलावा कई और ग्रह भी है. लेकिन जीवन केवल पृथ्वी पर पाया जाता है ऐसा क्यों इसका एकमात्र कारण है पृथ्वी का तापमान.पृथ्वी का तापमान जीवन के लिए खोलने के लिए आवश्यक तापमान होता है और इस तापमान को कायम रखने के लिए ग्रीनहाउस प्रभाव का एक महत्वपूर्ण योगदान है.सूर्य की किरणों से आई हुई तब तो सौर्य ऊर्जा ग्रीनहाउस में स्थित विविध वायु के कारण एक चौथाई भाग अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाती है और बचा हुआ दूसरा एक चौथाई भाग पृथ्वी की सतह पर पड़ता है जिससे पृथ्वी का तापमान गर्म रहता है.

ग्रीनहाउस के प्रभाव से होने वाले लाभ और हानि

आने वाली सूर्य किरणों में से पृथ्वी सतह से अंतरिक्ष में जाने वाली ऊर्जा का प्रमाण बहुत कम होता है. लेकिन पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरने ग्रीनहाउस इफेक्ट के वजह से परावर्तित होने वाले किरणों से कम हानिकारक होती है  इसका एकमात्र कारण है कि ग्रीनहाउस में मौजूद सभी वायु. इन वायुमंडलीय गैसों में यह कार्बन डाइऑक्साइड,मिथेन,जलवाष्प,नाइट्रस ऑक्साइड और क्लोरोपपालुरो कार्बनों और कई गैस भी शामिल है.लेकिन यह मान्यता है कि इन सभी गैसों का एक नियंत्रित मात्रा में उपस्थित होना अनिवार्य है अगर किसी भी गैस कम या ज्यादा होता है तो इसका परिणाम प्रकृति के होता है.ग्रीनहाउस प्रभाव के चलते पूरी पृथ्वी पर बनाई एक परत जाती है ओजोन लेयर भी कहा जाता है.

ग्रीन हाउस के प्रकार Types of Greenhouses in Hindi

ग्रीन हाउस का उपयोग दुर्लभ क्षेत्रों में यानी खाद्य सामग्री को उगाने के लिए किया जाता है जैसे कि सब्जी,फल और फूल को उगाने के लिए किया जाता है. ग्रीन हाउस के विभिन्न प्रकार पाए जाते हैं.

  • मिनी ग्रीन हाउस :
    • मिनी ग्रीन हाउस का उपयोग ज्यादातर किसान करते हैं. 
    • मिनी ग्रीन हाउस के उपयोग से किसान सब्जियों फलों एवं फूलों  की भी खेती कर सकते हैं.
    • यह अतिशय कम क्षेत्र में ज्यादा उत्पादन करने की क्षमता रखता है.
    • मिनी ग्रीन हाउस के मदद से किसान अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली फसलें करते हैं.
  • पिरामिड शेप ग्रीनहाउस :
    • पिरामिड शेप ग्रीनहाउस में हर छोर को एक दूसरे से जोड़कर एक पिरामिड का आकार देकर गिर ग्रीनहाउस से फसलों को उगाने के लिए यह बहुत अनोखा प्रकल्प है.
    • किसान पिरामिड शेप ग्रीनहाउस का उपयोग अपने फसलों को बेहतर तरस उगाने के लिए करते हैं.
    • लेकिन पिरामिड शेप ग्रीनहाउस कुछ इस तरह से बनाया जाता है जो किसी भी हालत में उत्पादन कर सकता है.
    • इसके तीनों और सोलर प्लेट लगाई जाती है जिसकी मदद से ऊर्जा को एकत्रित करके  अंकुरित बीजों को उगाया जाता है.
  • इंडस्ट्रियल ग्रीन हाउस :
    • इंडस्ट्रियल ग्रीन हाउस के सहायता सबसे बड़े उद्योग और कारखाने अनाजों से खाने पीने के लिए विभिन्न खाद्य उत्पाद बनाते हैं.
    • इसमें चारों ओर धातु के फ्रेम बने होते हैं जिसमें सेलुलर पॉलीकार्बोनेट से निर्मित यह एक ग्लास जैसी संरचना होती है.
    • इसमें सोलर पैनल के साथ-साथ पोषणयुक्त मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जाता है
  • पॉलीगोनल ग्रीनहाउस:
    • पॉलीगोनल ग्रीनहाउस ज्यादातर अल्युमिनियम  से बने होते हैं.
    •  इनका इस्तेमाल रसीले फलों के साथ-साथ सब्जियों को के लिए  बेहतरीन होता है.
    • इनके आसपास जालियां लगाई जाती है जिससे फलों और सब्जियों को नमी और प्रकाश दोनों  प्राप्त हो.

ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण

इस पर्यावरण में ग्रीन हाउस के प्रभाव का बढ़ने के 2 मुख्य कारण है.

  1. नैसर्गिक कारण:
    1. पृथ्वी की घूर्णन गति में वृद्धि
    2. समुद्र का बढ़ता हिंसक स्वरूप
    3. भू-भाग का सरकाना
    4. ज्वालामुखी विस्फोट
  2. मानवी कारण:
    1. समाज में पर्यावरण प्रदूषित करने वाली घटक जैसे प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग.
    2. औद्योगीकरण होने वाले ग्रीन हाउस का इस्तेमाल और उससे होने वाली गैसों का पर्यावरण में आवश्यकता से भी अधिकतम मात्रा विसर्जन  इस वजह से बढ़ने वाला तापमान हानिकारक होता है.
    3. कार्बनडाई ऑक्साइड विसर्जन को कम करने की क्षमता वनों स्थित पेड़ों में होती है जो  मनुष्य लगातार काटते जा रहे हैं जिसका परिणाम प्रकृति को हानि पहुंचा रहा है.

ग्रीनहाउस के प्रभाव को कम करने का उपाय

  • पेट्रोल और अन्य इंधन से चलने वाली वाहनों का इस्तेमाल कम करके इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल अधिक करने से कार्बन डाइऑक्साइड का विसर्जन कम होगा.
  • वृक्षारोपण करके वनों की घनता बढ़ाने से पर्यावरण में होने वाली प्रदूषण को कम करने के लिए सहायता होती है.
  • नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोत जैसे सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण को सहायता होती है.

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निष्कर्ष :

इस पोस्ट में हमने यह जाना कि ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है? और ग्रीनहाउस के निबंध, कारण, फायदे, नुकसान और उपाय. ग्रीनहाउस के बारे में कुछ कोई भी जानकारी नहीं तो इसलिए यह पोस्ट बनाई है.

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