Hindi Varnamala – हिंदी वर्णमाला की पूरी जानकारी

Hindi Varnamala: हिंदी ग्रामर के आज के पोस्ट में हम जानेंगे हिंदी वर्णमाला के बारे में इस पाठ में हम आपको हिंदी वर्णमाला क्या है उसके भेद कौन से हैं और Hindi Varnamala में कौन से कौन से प्रकार आते हैं उनके बारे में आपको बताएंगे अगर आप भी हिंदी वर्णमाला के बारे में जानना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को जरूर पढ़ सकते हैं.

अगर आपको किसी भी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करना है तो आपको उस भाषा के बारे में व्याकरण सीखना बहुत ही जरूरी है व्याकरण के बिना आप किसी भी भाषा में माहारत प्राप्त नहीं कर सकते.

Hindi Varnamala – हिंदी वर्णमाला

वर्ण की परिभाषा – varn kise kahate hain

वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते। जैसे- अ, ई, व, च, क, ख् इत्यादि। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है, इसके और खंड नहीं किये जा सकते।

‘राम’ और ‘गया’ में चार-चार मूल ध्वनियाँ हैं, जिनके खंड नहीं किये जा सकते- र + आ + म + अ = राम, ग + अ + य + आ = गया। इन्हीं अखंड मूल ध्वनियों को वर्ण कहते हैं। हर वर्ण की अपनी लिपि होती है। लिपि को वर्ण-संकेत भी कहते हैं। हिन्दी में 52 वर्ण हैं।

वर्णमाला की परिभाषा

हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर, 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।

जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस, कंठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके हुए निकलती है, उन्हें ‘स्वर’ कहा जाता है। व्यंजन जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कंठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है, उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है। प्राय: व्यंजनों का उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है। हिन्दी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन। पंचमाक्षर अर्थात वर्णमाला में किसी वर्ग का पाँचवाँ व्यंजन। जैसे- ‘ङ’, ‘ञ’, ‘ण’ आदि। आधुनिक हिन्दी में पंचमाक्षरों का प्रयोग बहुत कम हो गया है और इसके स्थान पर अब बिन्दी (ं) का प्रचलन बढ़ गया है। हिन्दी वर्णमाला हिन्दी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन।

वर्ण के भेद

  1. स्वर
  2. व्यंजन

स्वर की परिभाषा – swar kise kahate hain

जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से 10 ही स्वर होते हैं।‘स्वर’ का अर्थ है, ऐसा वर्ण जिसका उच्चारण अपने आप हो सके, जिसको उच्चारण के लिए दूसरे वर्ण से मिलने की आवश्यकता न हो। स्वरों का दूसरा नाम ‘अच्’ भी है।

पूरा पढ़े : स्वर किसे कहते है

व्यंजन की परिभाषा – vyanjan kise kahate hain

जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। ऐसे वर्ण जिसका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण – अर्थात् स्वर से मिले बिना नही किया जा सकता, व्यंजन कहलाते है।ऊपर ‘क’ से लेकर ‘ह’ तक के सारे वर्ण व्यंजन कहलाते है। व्यंजनों की संख्या 33 होती है, जबकि कुल व्यंजन 35 होते हैं। दो उच्छिप्त व्यंजन एवं दो अयोगवाह होते हैं।

पूरा पढ़े : व्यंजन किसे कहते है

तो दोस्तों यहां पर हम हमारी Hindi Varnamala – हिंदी वर्णमाला की पूरी जानकारी को समाप्त करते हैं आशा करते हैं कि आपको swar kise kahate hain, vyanjan kise kahate hain के बारे में पूरी जानकारी मिल गई हो. अगर आपको हिंदी ग्रामर संबंधी और भी किसी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं हम आपको रिप्लाई जरूर देंगे.

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