कारक की परिभाषा – कारक के भेद, उदाहरण

कारक की परिभाषा – कारक के भेद, उदाहरण: नमस्कार दोस्तों हिंदी ग्रामर के एक और नए पाठ में आपका स्वागत है इस पाठ में हम आपको कारक की परिभाषा, Karak in Hindi Grammar, कारक के भेद बताएंगे और Karak in Hindi Kise Kahate Hain बारे में बताएंगे अगर आपको हिंदी ग्रामर के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप हम हमारे अधिकतम पोस्ट पढ़ सकते हैं हमने हिंदी ग्रामर पर बहुत ही पोस्ट बनाई है.

कारक की परिभाषा – Karak in Hindi Grammar

कारक शब्द का अर्थ होता है – क्रिया को करने वाला। जब क्रिया को करने में कोई न कोई अपनी भूमिका निभाता है उसे कारक कहते है। अथार्त संज्ञा और सर्वनाम का क्रिया के साथ दूसरे शब्दों में संबंध बताने वाले निशानों को कारक कहते है विभक्तियों या परसर्ग जिन प्रत्ययों की वजह से कारक की स्थिति का बोध कराते हैं उसे विभक्ति या परसर्ग कहते हैं।

दूसरे शब्दों -: में कारक का अर्थ होता है किसी कार्य को करने वाला। यानी जो भी क्रिया को करने में भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है।

कारक के उदाहरण

  • वह रोज़ सुबह गंगा किनारे जाता है।
  • वह पहाड़ों के बीच में है।
  • नरेश खाना खाता है।
  • सूरज किताब पढता है।
  • राम ने रावण को बाण मारा।
  • रोहन ने पत्र लिखा।

कारक के भेद – Karak Ke Bhed

कारक के मुख्यतः आठ भेद होते हैं-

  1. कर्ता कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक
  4. सम्प्रदान कारक
  5. अपादान कारक
  6. संबंध कारक
  7. अधिकरण कारक
  8. संबोधन कारक

1.कर्ता कारक की परिभाषा

जो वाक्य में कार्य को करता है, वह कर्ता कहलाता है। कर्ता वाक्य का वह रूप होता अहि जिसमे कार्य को करने वाले का पता चलता है।

कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है।

कर्ता कारक के उदाहरण

  • विकास ने फुटबॉल खेली।
  • उत्तर :-ऊपर दिए वाक्य में आप देख सकते हैं कि ने विभक्ति चिन्ह का प्रयोग हो रहा है। यह चिन्ह कर्ता कारक का होता है। इस वाक्य से हमें काम को करने वाले के बारे में जानकारी मिल रही है। यह हमें बता रहा है कि विकास ने फूटबाल खेली। अतः यह उदाहरण कर्ता कारक के अंतर्गत आएगा।
  • दिनेश ने पीड़ित की सहायता की।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं कार्य करने वाले का बोध हो रहा है। इस वाक्य में ने विभक्ति चिन्ह का भी प्रयोग हो रहा है। इससे हमें पता चल रहा है कि सहायता करने वाला दिनेश ही है। अतः यह उदाहराण कर्ता कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • अमित ने पूरी किताब पढ़ ली।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में आप देख सकते हैं, ने विभक्ति चिन्ह का प्रयोग हो रहा है। यह चिन्ह कर्ता कारक का होता है। इस वाक्य से हमें कार्य को करने वाले के बारे में पता चल रहा है। हमें पता चल रहा है कि किता को पढने वाला अमित ही है। अतः यह उदाहरण कर्ता कारक के अंतर्गत आयेगा।

कर्ता कारक के प्रकार

परसर्ग सहित- जब वाक्य में ने परसर्ग का प्रयोग होता है। यह मुख्यतः भूतकाल के वाक्यों में होता है।

उदाहरण-

  • रामू ने अपने बच्चों को पीटा।
  • मेरे मित्र ने मेरी सहायता की।
  • अध्यापक ने विद्यार्थियों को डांटा।
  • परसर्ग रहित- जब वाक्य में ने परसर्ग का प्रयोग नहीं होता है। यह मुख्यतः वर्तमानकाल एवं भविष्यकाल में होता है।

उदाहरण-

  • सुरेश उपन्यास पढता है।
  • नरेश खाना खाता है।
  • सूरज किताब पढता है।

2.कर्म कारक की परिभाषा

वह वस्तु या व्यक्ति जिस पर वाक्य में की गयी क्रिया का प्रभाव पड़ता है वह कर्म कहलाता है।

कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह ‘को’ होता है।

कर्म कारक के उदाहरण

  • सीता ने गीता को बुलाया।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आपने देखा को शब्द का प्रयोग हो रहा है। यह कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह है।
  • इससे हमें यह पता चलता है कि वाक्य में कि गयी क्रिया का असर गीता पर पड़ रहा है। अतः गीता कर्म कहलाएगी। अतएव यह उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • बड़े लोगों को सम्मान देना चाहिए।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में आप देख सकते हैं कि को विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है।
  • यह चिन्ह हमें बताता है की वाक्य में कि गयी क्रिया का असर किस व्यक्ति या वस्तु पर पड़ रहा है। यहाँ कर्म बड़े लोग हैं। अतएव ये उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएगा।
  • राम ने रावण को मारा।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं की मारने की क्रिया कि जा रही है।
  • इस क्रिया का असर रावण पर पड़ रहा है।अतः रावण कर्म कहलायेगा। इस वाक्य में को विभक्ति चिन्ह का भी प्रयोग किया गया है। अतः ये उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएगा।

कर्म कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • गोपाल ने राधा को बुलाया।
  • रामू ने घोड़े को पानी पिलाया।
  • मेरे दोस्त ने कुत्तों को भगाया।
  • अध्यापक छात्रों को पीटता है।

उत्तर :-ऊपर दिए गए सभी वाक्यों में को विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। अतः ये सभी उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएंगे।

3.करण कारक की परिभाषा

वह साधन जिससे क्रिया होती है, वह करण कहलाता है। यानि, जिसकी सहायता से किसी काम को अंजाम दिया जाता वह करण कारक कहलाता है।

करण कारक की विभक्ति- करण कारक के दो विभक्ति चिन्ह होते है- से और के द्वारा।

करण कारक के कुछ उदाहरण

  • वह लड़का ठण्ड से काँप रहा था।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं, ‘से’ विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है। हम जानते हैं कि यह चिन्ह करण कारक का होता है।
  • इससे हमें क्रिया के होने के साधन का पता चलता है। इस वाक्य में कर्म ठडं कर्म है। क्योंकि इसकी वजह से ही काँप रहा था। अतः यह उदाहरण करण कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • राम ने बाली को बाण से मारा।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आप देख सकते है की बाली को मारे जाने की क्रिया है। यह क्रिया बाण के द्वारा कि गयी मतलब बाण साधन है जिससे क्रिया हुई। ऊपर वाक्य में ‘से’ विभक्ति चिन्ह का भी प्रयोग हुआ है।अतः यह उदाहरण करण कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • सुनील ने अपनी पत्नी के द्वारा खाना बनवाया।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते है खाना बनवाने की क्रिया है। यह पत्नी के द्वारा करवाई गयी है। अतः पत्नी साधन कहलाएगी। दिए गए वाक्य में के द्वारा का भी प्रयोग किया गया है। अतः यह उदाहरण करण कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • अभय ने सारा काम बच्चों से करवाया।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं, से  विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। इससे हमें पता चल रहा है कि काम क्रिया बच्चों से करवाई गयी है। यानि बच्चे साधन एवं करण हैं। अतः यह उदाहरण करण कारक के अंतर्गत आएगा।

करण कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • बच्चे गाड़ियों से खेल रहे हैं।
  • पत्र को कलम से लिखा गया है।
  • अमित सारी जानकारी पुस्तकों से लेता है।

उत्तर :-ऊपर दिए गये वाक्यों में से विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। इस चिन्ह से हमें पता चलता है कि क्रिया के होने का साधन क्या है।

अर्थात किसके द्वारा काम किया गया है। सभी वाक्यों में क्रिया को कौन अंजाम दे रहा है इसका पता चल रहा है। अतः ये उदाहरण करण कारक के अंतर्गत आयेंगे।

4.सम्प्रदान कारक की परिभाषा

सम्प्रदान का अर्थ ‘देना’ होता है। जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए तो वहां पर सम्प्रदान कारक होता है।

सम्प्रदान कारक के विभक्ति चिन्ह के लिए या को हैं।

सम्प्रदान कारक के उदाहरण

  • नरेश मीना के लिए फल लाया है।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आप देख सकते हैं, के लिए चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है। इससे हमें पता चल रहा है कि किसी के लिए काम किया जा रहा है।
  • जब किसी के लिए काम किया जाता है तो तब वहां सम्प्रदान कारक होता है। अतः यह उदाहरण भी सम्प्रदान कारक के अंतर्गत आएगा।
  • विकास तुषार को किताबें देता है।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि को विभक्ति चिन्ह का प्रयोग करता है। यह चिन्ह बताता है कि किसी ने किसी को कुछ दिया है।
  • यहाँ विकास ने तुषार को किताबें दी हैं। जैसा कि हमें पता है कि जब किसी को कुछ दिया जाता है तो वहां सम्प्रदान कारक होता है।
  • भूखे के लिए रोटी लाओ।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं कि के लिए विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है। यह चिन्ह हमें बताता है कि किसी के लिए काम किया जा रहा है।
  • एवं जब किसी के लिए काम किया जाता है तो वहां सम्प्रदान कारक होता है। यहाँ पर भूखे के लिए रोटी लायी जा रही है। अतः यह उदाहरण सम्प्रदान कारक के अंतर्गत आएगा।

सम्प्रदान कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • मेरे लिए खाना लेकर आओ।
  • विकास ने तुषार को गाडी दी।
  • मैं हिमालय को जा रहा हूँ।
  • रमेश मेरे लिए कोई उपहार लाया है।
  • वह मेरे लिए चाय बना रहा है।

5.अपादान कारक की परिभाषा

जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रूप से किन्हीं दो वस्तुओं के अलग होने का बोध होता है, तब वहां अपादान कारक होता है।

अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह

अपादान कारक का भी विभक्ति चिन्ह से होता है। से चिन्ह करण कारक का भी होता है लेकिन वहां इसका मतलब साधन से होता है।

यहाँ से का मतलब किसी चीज़ से अलग होना दिखाने के लिए प्रयुक्त होता है।

अपादान कारक के उदाहरण

  • पेड़ से आम नीचे गिर गया।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, आम के पेड़ से अलग होने की बात कही जा रही है। इस वाक्य में से विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है।
  • यह चिन्ह हमें चीज़ों को अलग होने के बारे में बताता है। एवं जैसा कि हमें पता है कि जब डो चीज़ें अलग होती है तो वहां अपादान कारक होता है। अतएव ये उदाहरण अपादान कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • उसके हाथ से घडी गिर गयी।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं, घडी की हाथ से अलग होने की बात कही जा रही है। ऊपर दिए गए वाक्य में से उदाहरण का प्रयोग किया जा रहा है।
  • से चिन्ह अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह होता है एवं किसी चीज़ का दूसरी चीज़ से अलग होने का बोध कराता है। यहाँ यह हमें हाथ से घडी के अलग होने का बोध करा रहा है। अतः यह उदाहरण अपादान कारक के अंतर्गत आएगा।
  • पेड़ से पत्ता टूटकर नीचे गिर गया।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की पेड़ से पत्ते के टूटने की बात की जा रही है। यहाँ से विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है। अतः यह उदाहरण अपादान कारक के अंतर्गत आएगा।

अपादान कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • मुझे भालू से दर लगता है।
  • सुरेश छत से गिर गया।
  • पृथ्वी सूर्य से बहुत दूर है।
  • आसमान से बिजली गिरती है।

6.संबंध कारक की परिभाषा

जैसा की हमें कारक के नाम से ही पता चल रहा है कि यह किन्हीं वस्तुओं में संबंध बताता है। संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो हमें किन्हीं दो वस्तुओं के बीच संबंध का बोध कराता है, वह संबंध कारक कहलाता है।

सम्बन्ध कारक के विभक्ति चिन्ह का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री आदि हैं।

संबंध कारक के कुछ उदाहरण

  • यह साहिल का स्कूटर है।
  • उत्तर :-जैसा की आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं का विभक्ति चिन्ह का इस्तेमाल किया गया है। यह हमें स्कूटर एवं साहिल के बीच में संबंध बता रहा है।
  • जैस की हम जानते हैं की का विभक्ति चिन्ह संबंध कारक का होता है। यह हमें दो वस्तुओं के बीच के संबंधों को बताता है। इस वाक्य में भी यही विभक्ति चिन्ह है। अतः यह उदाहरण संबंध कारक के अंतर्गत आएगा।
  • यह मानव का घर है।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आप देख सकते हैं कि का विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है।
  • यह विभक्ति चिन्ह संबंध कारक का होता है क्योंकि हमें दो वस्तुओं के बीच के संबंध बताता है। इस वाक्य में यह हमें मानव एवं घर के बीच में संबंध बता रहा है। अतः यह उदाहरण संबंध कारक के अंतर्गत आएगा।
  • राजा दशरथ के चार बेटे थे।
  • उत्तर :-जैसा की आप देख सकते हैं, ऊपर दिए दिए गए वाक्य में के विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। यह चिन्ह हमें राजा दशरथ एवं राम के बीच का संबंध बता रहा है। अतः यह संबंध कारक के अंतर्गत आएगा।

संबंध कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • यह सुरेश की बहन है।
  • यह सुनील की किताब है।
  • यह नरेश का भाई है।
  • यह गाडी विकास की है।

7.अधिकरण कारक की परिभाषा

अधिकरण का अर्थ होता है- आश्रय। संज्ञा का वह रूप जिससे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं।

अधिकरण कारक के विभक्ति चिन्ह

इसकी विभक्ति में और पर होती है। भीतर, अंदर, ऊपर, बीच आदि शब्दों का प्रयोग इस कारक में किया जाता है।

अधिकरण कारक के उदहारण

  • जब मैं घर में गया तो कोई भी नहीं था।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि में विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। यह बताता है की वक्ता घर के अंदर गया था।
  • जैसा कि हमें पता है, जब किसी वाक्य में में विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है तो वो अधिकरण कारक होता है। अतः यह उदहारण भी अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।
  • वीर सिपाही युद्धभूमि में मारा गया।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आप देख सकते हैं, में विभक्ति चिन्ह का ही प्रयोग किया गया है।
  • हम जानते हैं की जब में विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है तो वहां अधिकरण कारक होता है। यहां में चिन्ह से हमें वीर सिपाही के युद्धभूमि में होने जा बोध हो रहा है। अतः यह उदारहण अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।
  • कुर्सी आँगन के बीच बिछा दो।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं बीच शब्द का प्रयोग किया गया है। जब यह शब्द प्रयोग किया जाता है तो वह अधिकरण कारक होता है।
  • यहाँ बीच शब्द से कुर्सी के आँगन के बीच होने का बोध हो रहा है। अतः यह उदाहरण अधिकार कारक के अंतर्गत आएगा।

अधिकरण कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • मछली पानी में रहती है।
  • महल में दीपक जल रहा है।
  • वह रोज़ सुबह गंगा किनारे जाता है।
  • महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ था।
  • फ्रिज में आम रखा हुआ है।

8.सम्बोधन कारक की परिभाषा

संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे किसी को बुलाने, पुकारने या बोलने का बोध होता है, तो वह सम्बोधन कारक कहलाता है।

सम्बोधन कारक की पहचान करने के लिए ! यह चिन्ह लगाया जाता है।

सम्बोधन कारक के अरे, हे, अजी आदि विभक्ति चिन्ह होता हैं।

सम्बोधन कारक के उदाहरण

  • हे ईश्वर! मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा कि आप देख सकते हैं हे विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया है। जैसा की हम जानते हैं हे शब्द किसी के सम्बोधन के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • यहां वक्ता हे शब्द ईश्वर के लिए प्रयोग कर रहा है। यहां ईश्वर का सम्बोधन हो रहा है। अतः यह उदाहरण सम्बोधन कारक के अंतर्गत आएगा।
  • अरे ! तुम इतनी जल्दी कैसे आये।
  • उत्तर :-जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं, अरे! विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। यह आस्चर्यचकित होकर सम्बोधन करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • यहां वक्ता अरे! शब्द का प्रयोग करके दुसरे व्यक्ति का सम्बोधन कर रहा है। अतः यह उदाहरण भी सम्बोधन कारक के अंतर्गत आएगा।
  • हे अर्जुन ! तुम्हे यह काम अवश्य करना चाहिए।
  • उत्तर :-ऊपर दिए गए वाक्य में जैसा की आप देख सकते हैं हे विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है। यह चिन्ह जैसा की हम जानते हैं की किसी का सम्बोधन के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • यहां यह शब्द का प्रयोग करके अर्जुन का सम्बोधन हो रहा है। उसे किसी प्रकार का काम करने की बात कही जा रही है। अतः यह उदाहरण अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।

संबोधन कारक के कुछ अन्य उदाहरण

  • अरे रमेश ! तुम यहां कैसे ?
  • अरे भाई ! तुम तो बहुत दिनों में आये।
  • अरे बच्चों! शोर मत करो।
  • हे ईश्वर! इन सभी नादानों की रक्षा करना।

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तो यहां पर हम हमारी कारक की परिभाषा – कारक के भेद, उदाहरण पोस्ट को समाप्त करते हैं आशा करते हैं आपको Karak in Hindi Grammar, और Karak in Hindi Kise Kahate Hain के बारे में अधिकतम जानकारी आप तक पहुंचा हुआ है अगर आपको हिंदी ग्रामर संबंधित और भी किसी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं.

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