नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है तथा कारण ? (महत्त्व और पौराणिक कथाएं बारे में जाने)

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है तथा कारण ? (महत्त्व और पौराणिक कथाएं बारे में जाने) (nag panchami kyu manaya jata hai):

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे सर पर आज हम आपको बताने वाले हैं. भारत में मनाई देने वाले नाग पंचमी त्योहार के बारे में और इसी के साथ हम आपको नाग पंचमी में त्यौहार के बारे में छुपी पौराणिक कथाओं के बारे में बताने वाले हैं. जैसे कि भारत में हर चौथे और पांचवें दिन एक नया त्यौहार आता है और इस असद भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है क्योंकि भारत में बहुत सारे त्यौहार आते हैं. जिसे भारत के लोग खुशियों और धूमधाम से मनाते हैं.

हमारे हिंदू धर्म में बहुत सारे त्योहारों और व्रत होते हैं इसी में से एक त्यौहार है नागपंचमी जहां पर इस त्यौहार को पूर्व संपूर्ण भारत में लोग अपनी श्रद्धा से मनाते हैं. आज हम इसी नाग पंचमी त्योहार के बारे में जानने वाले हैं और इसी के साथ हम आपको इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

नाग पंचमी का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन के महीने में आता है और इसे हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं और इसी के साथ इसी महीने शुल्क पक्ष पंचमी को नागपंचमी के रूप में त्योहार मनाया जाता है.

इसी त्यौहार पर भारत में लोगों द्वारा वक्त पूर्व नामों का अर्थ और पूजन किया जाता है और वेद और पुराणों के अनुसार नागों का उद्गम महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू से माना गया है.

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है

नाग पंचमी के दिन सभी लोग नागों की पूजा करते हैं और नागों को दूध अर्पित करते हैं और पूर्ण श्रद्धा भाव से नाग पंचमी को मनाते हैं. सनातन धर्म में सभी पशु पक्षियों को एक देवता के रूप में माना जाता है. और इसी सनातन धर्म में हर वस्तु में भगवान बसे हैं. इससे सभी को मनाया जाता है.

तो फिर चले जानते हैं कि हमारे भारतवर्ष में नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है और नाग पंचमी का महत्व क्या है और नाग पंचमी के अनुसार इस की पौराणिक कथा क्या है.

इस साल नाग पंचमी कब है ? – Nag Panchami Kab Hai 2023 (Date)

नाग पंचमी 2022 / Nag Panchami 2023 Date – 02 Aug 2023
तिथि – श्रावण शुक्ल पंचमी

नाग पंचमी का महत्व क्या है?

हमारे सनातन धर्म में बहुत बार नागों का उल्लेख आता है और इसी के साथ हम सभी को पता है कि हमारे महादेव भी सांपों उसे ही अपना श्रृंगार करते हैं और इसके साथ हमारे भगवान विष्णु भी शेषनाग की सैया पर विश्राम करते हैं इसीलिए हमें नाग पंचमी का महत्व जाना चाहिए.

हमारे बहुत सारे गरुड़ पुराण, भविष्य पुराण, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अन्य ग्रंथों में नागौर संबंधित विविध विषयों से उल्लेख मिलता है.

इसके साथ आज भी भारत में कई स्थानों पर नागों का उल्लेख किया गया है जैसे कि कश्मीर में जाने-माने संस्कृत कवि कल्लन ने अपने प्रसिद्ध पुस्तक में लिखा है कि कश्मीर की संपूर्ण भूमि नागों का अवदान माना जाता है.

इसी के साथ रामायण में हमारे भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण को भी शेषनाग का अवतार कहा गया है और इसी के साथ बहुत सारे देव को नाग रूप में अवतरित किया और माना जाता है. और हमारे सनातन धर्म में ना वह समय बहुत सारी महत्वपूर्ण आस्था जुड़ी हुई है और इसी के साथ नागों को हमारे सनातन धर्म में शुभ माना जाता है और इसे कई देवताओं का रूप भी कहा जाता है.

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?

तो चलिए देखते हैं कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है, हमारे पौराणिक कथाओं के अनुसार इसके बहुत सारे कारण बताए गए हैं कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है इनमें से कुछ कारण हम आपको बताने वाले हैं.

  • पौराणिक कथाओं के मान्यता है कि हमारे भगवान विष्णु ने सावन माह की पंचमी के दिन ही शेष नाग को अपना विश्राम सैया का साधन बनाया था और इसी दिन सबसे पहले भगवान श्री विष्णु ने शेषनाग की सैया पर विश्राम किया था इसी कारण से इस दिन नाग पंचमी मनाई जाती है.
  • धर्म शास्त्रों के अनुसार जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन चल रहा था तब समुद्र मंथन से प्राप्त हुए विष को भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के खातिर उस विष को प्राषण किया था. उस समय उस विष की कुछ बूंदे उनके गले में रखे सापने पी ली थी जिसके कारण उस दिन से उस दिन सावन माह की शुल्क पंचमी का दिन था.
  • इसके साथ हमारे पुरानी कथाओं के अनुसार यह मान्यता है कि हमारे भगवान श्री विष्णु जब कृष्ण अवतार में थे तब उन्होंने इसी दिन कालिया नाग का घमंड चूर कर दिया था और कालिया नाग पर उन्होंने नृत्य किया था. तो इसी कारण से हर सावन माह की पंचमी को नागपंचमी के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है.
  • एक और पौराणिक कथाओं के अनुसार जब अर्जुन पुत्र राजा परीक्षित की मृत्यु परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक साप के काटने पर हुई थी इसलिए उनके पुत्र जन्मेजय ने नागो से बदला लेने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया था कि सभी नाग उसमें भस्म होकर मर जाए.
  • लेकिन उस यज्ञ को आस्तिक मुनि ने नागों की रक्षा के लिए रोक दिया था जिसके कारण यह यह दिन को पूरे भारत में नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है. क्योंकि उस दिन हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुल्क पंचमी का दिन था.

नाग पंचमी कैसे मनाई जाती है?

नागपंचमी के दिन भारत में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा जाता है. कई जगह पर इस दिन जल्दी उठकर नाग देवताओं के मंदिर जाकर उनकी पूजा की जाती है. उनको दूध का भोग चढ़ाया जाता है.

उत्तर भारत में नागपंचमी के दिन अपने घरों के मुख्य दरवाजों पर गोबर से नाग की आकृति बनाई जाती है और उसको पूजा जाता है. और इसी के साथ भारत के सभी जगह पर नागपंचमी धूमधाम से मनाई जाती है.

FAQs

नाग पंचमी कब मनाई जाती है?

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी के रूप में भारत में मनाया जाता है.

नाग पंचमी कैसे मनाई जाती है?

भारत में नागपंचमी कई भागों में अलग-अलग प्रकार से मनाई जाती है.

2023 में नाग पंचमी कब है

2023 में नाग पंचमी 2 अगस्त को मनाई जाने वाली है.

निष्कर्ष

हमारे भारत देश में हर त्यौहार को पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है और इसके साथ हमारे भारत देश को त्योहारों का देश भी कहा जाता है. क्योंकि हमारे भारत देश में हर दूसरे दिन एक त्यौहार आता है.

इसीलिए हमने आने वाले सावन महीने के नागपंचमी के बारे में जानकारी दी है और मैसेज साथ हमने आपको बताया है कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है और नाग पंचमी मनाने के क्या क्या कारण है.

उम्मीद है आपको पता चल गया होगा कि नागपंचमी किस दिन मनाई जाती है और नागपंचमी कैसे बनाई जाती है. इस आर्टिकल में हमने आपको नाग पंचमी के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार से दी है.

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