पंचतंत्र की कहानियाँ – Panchatantra Short Stories in Hindi 2022

New Panchatantra Short Stories in Hindi: नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हिंदी सहयोग के पाठ में इस पाठ में हम जानेंगे पंचतंत्र के कुछ कहानियों के बारे में. New Panchatantra Short Stories in Hindi के बारे में आपके साथ शेयर किया है. हमें अच्छे-अच्छे कहानियां आपके साथ शेयर किए अगर आपको panchatantra moral story in hindi कहानियां पढ़ना अच्छा लगता है तो आप हमारे पोस्ट को जरूर आखिर तक पढ़ सकते हैं हम इस ब्लॉग पर आए दिन बहुत बढ़िया बढ़िया panchtantra ki kahani in hindi कहानियां शेर करते रहते हैं

तो चलिए शुरू करते है ….पंचतंत्र की कहानियाँ

पंचतंत्र की कहानियाँ – Panchatantra Short Stories in Hindi

तो यह पर हमने आपके साथ बढ़िया बढ़िया panchtantra ki kahani in hindi कहानिया शेयर की है जो आपको जरुर पसंत आ जाएगी अगर आपको एसी कहानिया पढना पसंत है तो आप हमारे और भी पाठ पढ़ सकते है. हम हर रोज Panchtantra Ki Kahani in Hindi, Short Moral Stories in Hindi for class 1, Hindi panchatantra short stories के बारे में पोस्ट बनाते रहते है आप उसे जरुर पढ़े.

मछुआ और मंत्री – Panchtantra Ki Kahani

Panchatantra Short Stories in Hindi
Panchatantra Short Stories

एक राजा था। उसे रोज तुरंत पकड़ी गई मछलियाँ खाने का शौक था। एक दिन समुद्र में भयंकर तूफान आया। कोई भी मछुआ समुद्र में मछली मारने नहीं गया। इसलिए राजा को तुरंत पकड़ी हुई मछली नही मिल सकी। राजा ने घोषणा करा दी। कि उस दिन जो भी तुरंत पकड़ी हुई मछली राजा के पास लाएगा। उसे भरपूर इनाम दिया जाएगा। एक गरीब मछुए ने यह घोषणा सुनी जान जोखिम में डालकर समुद्र से मछलियाँ पकड़ी और राजमहल पहुँचा राजमहल के पहरेदारो ने उसे फाटक पर रोक दिया वे उसे राजा के मंत्री के पास ले गए। मंत्री ने मछुए से कहा, “मैं तुम्हे राजा
के पास जरूर जाने दूँगा पर तुम्हे राजा से जो ईनाम मिलेगा। उस में आधा हिस्सा होगा।” मछुए को मंत्री का यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया। फिर भी उसने मन मारकर उसे स्वीकार किया। इसके बाद पहरेदार उसे लेकर राजा के पास गए। मछुए ने राजा को मछलियाँ दी। राजा मछुए पर बहुत प्रसन्न हुआ। बताओ क्या इनाम चाहिए। तुम जो माँगोगे वह मैं तुम्हे अवश्य दूंगा। मछुए ने कहा, “महाराज मैं चाहता हूँ मेरी पीठ पर पचास कोड़े लगाए जाएँ। बस मुझे यही इनाम
चाहिए।” मछुए की यह बात सुनकर सभी दरबारी चकित रहगए। राजा ने मछुए की पीठ पर पचास हल्के कोड़े लगाने का आदेश दिया जब नौकर मछुए की पीठ पर पच्चीस कोड़े लगा चुका। तो मछुए ने कहा, “रूको! अब बाकी के पच्चीस कोड़े मेरे साझेदार की पीठ पर लगाओ।” राजा ने मछुए से कहा, “तुम्हारा हिस्सेदार कौन है?” मछुए ने कहा,”महाराज आपके मंत्री महोदय ही मेरे हिस्सेदार है।” मछुए का जवाब सुनकर राजा गुस्से से तमतमा उठा। उसने मंत्री को अपने सामने हाजिर करने का आदेश दिया। मंत्री के सामने आते ही राजा ने नौकर को आदेश दिया इन्हे गिनकर पच्चीस कोड़े लगाओ ध्यान रखो। इनकी पीठ पर कोड़े जोर जोर से लगने चाहिए। इसके बाद राजा ने बेईमान
मंत्री को जेल में डाल दिया। फिर राजा ने मछुए को मुँहमाँगा इनाम दिया।

Moral of Story -जैसी करनी वैसी भरनी।

अभेड़ चरानेवाला लड़का – Hindi panchatantra stories

Panchatantra Short Stories in Hindi
Panchatantra Short Stories

एक भेड़ चरानेवाला लड़का था। वह रोज भेड़ों को चराने के लिए जंगल में ले जाता था। जंगल में वह अकेला होता था। इसलिए उसका मन नही लगता था। एक दिन उसे मजाक करने की सूझी। वह जोर जोर से चिल्लाने लगा,
“बचाओ बचाओ भेडिया आया भेडिया आया।” आसपास के खेतो में किसान काम कर रहे थे। उन्होने लड़के की आवाज सुनी वे अपना अपना काम छोड़कर लड़के की मदद के लिए दौड़ पड़े। जब लड़के के पास पहुचे तो उन्हे कही
भेडिया दिखाई नही दिया। किसानो ने लड़के से पूछा, “भेडिया तो कहीं है नही फिर तुमने हमे क्यों बुलाया?”, लड़का हँसने लगा उसने कहा, “मैं तो मजाक कर रहा था। भेडिया आया ही नहीं था। जाओ जाओ तुम लोग।” किसानो ने लड़के को खूब डाटा फटकारा इसके बाद वे लौट गए। एक बार लडके ने फिर ऐसा ही मजाक किया आसपास के किसान मदद के लिए दौड़ आए। लड़के के इस मजाक पर उन्हें बहुत गुस्सा आया लड़के को डाँट फटकार कर चले गए। कुछ समय बाद एक दिन सचमुच भेडिया आ पहुँचा भेड़ चरानेवाला लड़का दौडकर पेड़ पर चढ़ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। पर इस बार उसकी मदद के लिए कोई नही आया सभी ने यही सोचा कि वह बदमाश लड़का पहले तरह मजाक कर रहा है। भेडिए ने कई भेड़ो को मार डाला इससे लड़के को अपने किए पर बड़ा दुख हुआ।

Moral of Story -झूठे आदमी की सच्ची बातो पर भी लोगविश्वास नहीं करते।

इसके साथ साथ हमने Best 10 Short Moral Stories in Hindi for class 1, Best 10 Short Moral Stories in Hindi for class 1, श्री कृष्ण की कहानी | Shree Krishna story in Hindi मोरल स्टोरीज पर पोस्ट बनाई है आप उसे जरुर पढ़ सकते है. यह सभी बेहतरीन बेहतरीन स्टोरीज है.

टोपीवाला और बंदर – Hindi panchatantra short stories

Panchtantra Ki Kahani in Hindi
Panchtantra Ki Kahani

दो छोटे छोटे गाँव थे। दोनो गाँवो के बीच एक जंगल था। इस जंगल में बहुत सारे बंदर रहते थे। एक दिन एक टोपी वाला टोपियाँ बेचने के लिए इस जंगल से होकर जा रहा था। वह चलते चलते थक गया था। उसने अपना टोपियों
से भरा संदूक एक पेड़ के नीचे रखा। और वहाँ बैठकर आराम करने लगा। थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गई। जब टोपी वाले की नींद खुली तो वह चौंक कर उठा। उसका संदूक खुला था और सारी टोपियाँ गायब थी। इतने में उसे बंदरो की आवाज सुनाई दी। उसने ऊपर देखा उस पेड़ पर बहुत सारे बंदर थे। सभी बंदरो ने सर पर टोपिया पहनी हुई थी। टोपीवाले को बहुत गुस्सा आया। उसने पत्थर उठा उठा कर बंदरो को मारना शुरू किया। उसकी नकल करते हुए बंदरो ने भी पेड़ से फल तोड़कर टोपीवाले की ओर फेकने शुरू किया। अब टोपीवाले को समझ में आ गया कि बंदरो से
टोपियाँ कैसे वापस ले सकता है। टोपीवाले ने अपने सर से टोपी उतारी और उसे जमीन पर फेंक दी। नकलची बंदरो ने यह देखा तो उन्होने भी अपने सर की टोपियों को उतारकर फेंकना शुरू कर दिया। टोपीवाले ने जल्दी जल्दी टोपियाँ इकट्ठी की संदूक में रखी और खुशी खुशी दूसरे गाँव की ओर चल पड़ा।

Moral of Story -सूझबूझ से ही हम कठिनाइयों से पार पा सकते है

लकड़हारा और देवदूत – Panchatantra Short Stories in Hindi

Hindi panchatantra stories
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एक लकड़हारा था। एक बार वह नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ी काट रहा था। एकाएक उसके हाथ से कुल्हाड़ी छूटकर नदी में गिर पड़ी। नदी गहरी थी। उसका प्रवाह भी तेज था। लकड़हारे ने नदी से कुल्हाड़ी निकालने की बहुत कोशिश की पर वह उसे नहीं मिली इससे लकड़हारा बहुत दुखी हो गया। इतने देवदूत मेवहाँ से गुजरा लकड़हारे को मुँह लटकाए खड़ा देख कर उसे दया आ गई। वह लकड़हारे के पास आया और बोला चिंता मत करो। मैं नदी से तुम्हारी कुल्हाड़ी अभी निकाल देता हूँ। यह कहकर देवदूत नदी मे कूद पड़ा देवदूत पानी से निकला तो उसके हाथ में
सोने की कुल्हाड़ी थी। वह लकड़हारे को सोने की कुल्हाड़ी देने लगा। तो लकड़हारे ने कहा,”नही नही यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है। मैं इसे नही ले सकता।” देवदूत ने फिर नदी में डुबकी लगाई इसबार वह चाँदी की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आया ईमानदार लकड़हारे ने कहा, “यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है। देवदूत ने तीसरी बार पानी में डुबकी लगाई इस बार वह एक साधारण सी लोहे की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आया। हाँ यह मेरी कुल्हाड़ी है। लकड़हारे ने खुश होकर कहा। उस गरीब की ईमानदारी देखकर देवदूत बहुत प्रसन्न हुआ। उसने लकड़हारे को उसकी लोहे की कुल्हाड़ी दे दी। साथ ही उसने सोने और चाँदी की कुल्हाडियाँ भी उसे पुरस्कार के रूप मे दे दी।

शिक्षा -ईमानदारी से बढ़कर कोई चीज नही।

गधा और मूर्ति – पंचतंत्र की कहानियाँ

Hindi panchatantra stories
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एक गाँव मे एक मूर्तिकार रहता था। वह देवी देवी देवताओ की सुन्दर मूर्तिया गढ़ा करता था। एक बार उसने भगवान की एक बहुत सुंदर मूर्ति गढ़ी। वह मूर्ति उसे ग्राहक के पास पहुचानी थी। इसलिए उसने कुम्हार से गधा किराए पर लिया। फिर उसने मूर्ति गधे पर लादी और चल पड़ा रास्ते मे जो उस मूर्ति को जो देखता पल भर रूककर मूर्ति की तारीफ जरूर करता। कुछ लोग उस मूर्ति को देखते ही झुककर प्रणाम करते। यह देख कर उस मूर्ख गधे ने सोचा कि लोग उसी की प्रशंसा कर रहे हैं। और उसी को झुककर प्रणाम कर रहे है वह अकड़कर सड़क के बीच खड़ा हो गया। और जोर जोर से रेंकने लगा। मूतिकार ने गधे को पुचकार कर चुप करने की। बहुत कोशिश की। पर गधा रेकंता ही रहा। अंत मे उस मूर्तिकार ने डंडे से उसकी खूब पिटाई की। मार खाने के बाद गधे का सारा घंमड उतर गया। उसका होश ठिकाने आया। और वह फिर चुपचाप चलने लगा।

शिक्षा -समझदार के लिए इशारा और मूर्यो के लिए डंडा

स्वार्थी दोस्त

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श्याम और राम अच्छे मित्र थे। एक दिन वे जंगल से होकर जा रहे थे। रास्ते में उन्हे एक रीछ दिखाई दिया, वह उनकी तरफ आ रहा था। श्याम तुरंत भाग कर पास के पेड़ पर चढ़ गया। राम को पेड़ पर चढ़ना नही आता था। पर उसने
सुना था। कि जानवर मरे हुए लोगो को कुछ नही करते। इस लिये वह स्थिर होकर जमीन पर लेट गया। उसने अपनी आँखे मूंद ली। और साँस रोक ली रीछ राम के पास आया। उसने चेहरे को सूघाँ। उसे लगा कि वह मर चुका है। और रीछ आगे बढ गया। जब रीछ कुछ दूर चला गया। तो श्याम पेड़ से उतरा उसने राम से पूँछा, “रीछ तुम्हारे कान मे क्या कह रहा था?” राम ने जवाब दिया, “उसने कहा कि स्वार्थी लोगो से दूर रहो।”

शिक्षा -समय पर काम मे आने वाला मित्र ही सच्चामित्र है

इसी के साथ हमारे इस पंचतंत्र की कहानियाँ – Panchatantra Short Stories in Hindi पोस्ट को समाप्त करते हैं आशा करते हैं हमने तो आपके साथ कहानियां शेर की है वह आपको अच्छी लगे हो अगर आपको किसी प्रकार की ओर मोरल स्टोरी चाहिए तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं. और आपको यह सभी Hindi panchatantra short stories, Panchatantra Short Stories in Hindi, Panchtantra Ki Kahani in Hindi अच्छी लगे हो.

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