शिक्षक दिवस क्यू मनाया जाता है?- शिक्षक दिवस पर भाषण, निबंध: Shikshak Divas Kyon Manaya Jata Hai
जैसे कि आपको पता होगा 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है लेकिन बहुत लोगों को पता नहीं होता कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है तो अगर आपके भी मन में यही सवाल आता है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि इस पोस्ट में हमने आपको शिक्षक दिन पर निबंध शिक्षक दिन पर भाषण के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दे.

जिसकी आपको पता होगा हम शिक्षक दिन पर स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जहां पर शिक्षकों के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जहां पर उनके साथ प्रश्न पूछे जाते हैं, शिक्षक दिन पर कई सारे बच्चे भाषण करते हैं. और इसी दिन शिक्षकों को gift दिए जाते हैं. इस दिन उच्ची कक्षा वाले विद्यार्थी छोटी कक्षा को शिक्षक बनाकर पढ़ाते हुए हैं. आपने भी अपने स्कूल के टाइम पर शिक्षक दिन पर शिक्षक बनकर छोटे बच्चो कों पढाया जरुर होगा. तो चलिए आप जानते हैं कि 2021 में शिक्षक दिवस कब है और 2021 शिक्षक दिवस पर भाषण.
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शिक्षक दिवस क्यू मनाया जाता है? – Shikshak Divas Kyon Manate Hain
बात करें शिक्षक दिन दिवस क्यों मनाया जाता है. तो आपको बता दो भारत में हर साल 5 सितंबर को सदन माना जाता है. क्योंकि देश के पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन 5 सितंबर है और उनके जन्मदिन के अवसर पर है इस दिन को शिक्षक दिन मनाया जाता है. डॉक्टर राधाकृष्ण बहुत ही बड़े विद्वान शिक्षक थे उन्होंने उनके जीवन के 40 साल शिक्षक रूप में देश को दिए. भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिन 1962 से मनाया जाता है. उनको भारत के सबसे बड़े दार्शनिक और अच्छे शिक्षक कहा जाता है.
उन्होंने अपनी शिक्षा से भारत को और भारत के युवकों को अच्छा मार्ग दिखाया. जिससे कि भारत एक प्रगतिशील राष्ट्र बन सके उन्होंने भारत में शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने कहा था कि शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति है जो पूरी दुनिया को सही और गलत का अंतर बता सकता है. क्योंकि शिक्षक की एक अच्छे व्यक्ति को बना सकता है और उसे सही मार्ग दिखा सकता है.
शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Divas Par Nibandh
भारत में हर साल शिक्षक दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन भारत के उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी कों भारत के सबसे महान शिक्षक का मान भी मिला है इसी कारण से 1962 से इस दिन शिक्षक दिन मनाया जाता है. भारत में गुरु और शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति की प्राचीन शैली है.

जैसे कि हमारे जन्म के बाद हमारे सबसे पहले शिक्षक हमारे माता पिता ही होते हैं और उसके बाद हमारे दूसरे शिक्षक हमारे गुरु होते हैं जो कि हम को सही राह दिखाते हैं. जिसके जीवन में शिक्षक ही ना हो ऐसी जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते क्योंकि आज के दिन में आपको शिक्षक की जरूरत हर वक्त पड़ती है क्योंकि शिक्षक हि हमकों सही और गलत की पहचान करवाते है.
हमारे गुरु के इसी कार्य को सलाम देने के लिए इस शिक्षक दिन का आयोजन किया जाता है. जहां पर शिक्षकों को पूजा जाता है और उनको उपहार भेंट दिया जाता है. स्कूल में शिक्षक दिन पर कई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जहां पर शिक्षकों का गौरव किया जाता है.
शिक्षक दिवस पर कविता- Shikshak Divas Par Kavita
आदरणीय प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे सहपाठियों को सुबह की नमस्ते। जैसे आप सभी को पता होगा आज शिक्षक दिन के तौर पर हम सभी यहां पर इकट्ठा हुये है. मेरा नाम —– है और मैं अपने विचारों को इस शिक्षक दिन के मौके पर आपके साथ आपके सामने पेश/शेयर करना चाहता हूं. सबसे पहले मैं तो आप का धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि आपने इस शिक्षक दिन के अवसर पर मुझे मेरे विचारों पर बोलने का मौका दिया.
भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है .भारत के प्रथम शिक्षक जिन्हें कहा जाता है जो डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन पर इस दिन को 1962 से भारत में शिक्षक दिन मनाया जाता है. जैसेकि हर शिक्षक विद्यार्थी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि वही उसको सही राह और सही और गलत की पहचान करवाता है.
शिक्षक किसी भी राष्ट्र को और उसके विद्यार्थियों को विकास, शिक्षण, प्रभाव से आगे ले जा सकते हैं. जिससे कि उस देश के युवक अच्छे विचारों वाले बने, और आगे जाकर कुछ देश के लिए अच्छा कार्य करें. जिसकी आपने देखा होगा भारत के भारतरत्न सचिन तेंदुलकर उनके भी गुरु थे तभी ही वह इतने महान क्रिकेट प्लेयर बन पाए इसी तरह सभी को किसी को ना किसी को अपना शिक्षक बनाना चाहिए जिससे कि उसके विचारों पर हम आगे बढ़ पाए और उसके जीवन को हम आचरण कर पाएं.
इसीलिए कहा जाता है कि हमारे जीवन में शिक्षकको और गुरु वर्यो का मान सबसे ऊपर होता है और हमें इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे देश के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करना चाहिए.
शिक्षक दिवस पर कविता – Shikshak Divas Par Kavita
“गुरु के उपकार का,
कैसे चुकाए मोल ?
लाख कीमती धन भक
गुरु हैं मेरा अनमोल ”
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं|
मेरे भीतर का शिक्षक ,
व्यथा सुनाता है;
बीत गया दौर सम्मान का,
अब भय से थर्राता है।
लोग कहते है अगर हाथों की
लकीरें अधूरी हो तो
किस्मत अच्छी नहीं होती
लेकिन हम कहते है की
सर पर हाथ हो अगर
” गुरू ” का तो
लकीरों की ज़रूरत
शिक्षा क्यों पैसो की मोहताज़ है
क्या इस पर नहीं सबका समान अधिकार है
फिर क्यों फिर रहे इतने बेरोजगार है
क्या शिक्षा बन गयी “ऊंची दूकान और फीके पकवान” है।
जों बनायें हमें इंसान
और दे सही गलत की पहचान
देश के उन निर्माताओं को
हम करें शत शत प्रणाम !”
अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
निष्कर्ष –
यहां पर हम हमारी इस शिक्षक दिवस पर भाषण, निबंध: Shikshak Divas Kyon Manaya Jata Hai जानकारी को समाप्त करते हैं ऊपर हमने आप को शिक्षक दिन क्यों मनाया जाता है इसे के साथ-साथ शिक्षक दिन पर निबंध, शिक्षक दिन पर कविताएं और शिक्षक दिन पर भाषण के बारे में संपूर्ण जानकारी शेयर की है जिससे कि आपको शिक्षक दिन के बारे में संपूर्ण जानकारी मिले यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताना और इसी तरह और भी अच्छे से अच्छे जानकारी पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट को विजिट करते रहिए.
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