Best 10 Short Moral Stories in Hindi for class 1: इस पाठ में हम जानेगे कुछ Short Moral Stories in Hindi for class 1 जो आपको जरुर पढ़नी चाहिए. यहा पर हमने सभी top 10 moral stories in Hindi, Panchatantra short stories in hindi with moral आपके साथ शेयर किये है तो अगर आपको यह स्टोरीज अच्छी लगती है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना.
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तो चलिए शुरू करते है … Short Moral Stories in Hindi for class 1, 2 and 3
Short Moral Stories in Hindi for class 1
तो चलिए शुरू करते है हमारे short moral stories in hindi के नए पाठ कों.
1.प्यासा कौआ – Short Moral Stories for kids

गर्मियो के दिन थे। एक कौआ बहुत प्यासा था। उसका गला सूख रहा था। वह इधर-उधर उड़ता हुआ पानी की तलाश कर रहा था। पर उसे कहीं भी पानी नही दिखाई दिया। सभी जलाशय सूख गये थे। अंत में कौए को एक मकान के पास एक घड़ा दिखाई दिया। वह घड़े के पास गया। उसने उसमें झाँककर देखा। घड़े में थोड़ा-सा पानी था। पर उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकती थी। आचानक उसे एक उपाय सूझा। वह जमीन सेएक-एक कंकड़ उठाकर घड़े में डालने लगा। धीरे-धीरे घड़े का पानी ऊपर आने लगा। अब कौए की चोंच पानी तक पहुँच सकती थी। कौए ने जी-भर कर पानी पिया और खुशी से काँव-काँव करता उड़ गया।
Moral of Story – जहाँ चाह, वहाँ राह!
2.अंगूर खट्टे है – very short stories in hindi

एक दिन एक भूखी लोमड़ी अंगूर के बगीचे में जा पहुँची बेलों पर पके हुए अंगूरों क गुच्छे लटक रहे थे। यह देख लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। मुँह ऊपर की ओर तानकर उसने अंगूर पाने की कोशिश की। पर वह सफल न हो सकी। अंगूर काफी ऊँचाई पर थे। उन्हें पाने के लिए लोमड़ी खूब उछली, फिर भी वह अंगूरों तक नहीं पहुँच सकी।
जब तक वह पूरी तरह थक नहीं गई, उछलती ही रही। आखिरकार थककर उसने उम्मीद छोड़ दी और वहाँ से चलती बनी। जाते-जाते उसने कहा, “अंगूर खट्टे हैं। ऐसे खट्टे अंगूर कौन खाए?”
Moral Of Story – हार मानने में हर्ज क्या?
3.चालाक लोमड़ी – Short Moral Story for kids

एक दिन एक कौए ने एक बच्चे के हाथ से एक रोटी छीन ली। उसके बाद वह उड़कर पेड़ की ऊँची डाली पर जा बैठा और रोटी खाने लगा। एक लोमड़ी ने उसे देखा तो उसके मुँह में पानी भर आया। वह पेड़ के नीचे जा पहुँची। उसने कौए की ओर देख कर कहा, कौए राजा, नमस्ते। आप अच्छे तो है? कौए ने कोई जवाब नही दिया। लोमड़ी ने उससे कहा, कौए राजा, आप बहुत सुंदर एंव चमकदार लग रहे हैं। यदि आपकी वाणी भी मधुर है,तो आप पक्षियों के राजा बन जाएँगे। जरा मुझे अपनी आवाज तो सुनाइए। मूर्ख कौए ने सोचा, मैं सचमुच पक्षियों का राजा हूँ। मुझे यह सिदध
कर देना चाहिये। उसने ज्यों ही गाने के लिए अपनी चोंच खोली रोटी चोंच से छूटकर नीचे आ गिरी। लोमड़ी रोटी उठाकर फौरन भाग गयी।
Moral of Story – झूठी तारीफ करनेवाले से सावधान रहना
4.लालची कुत्ता – Short Moral Stories in Hindi for class 1

एक बार एक कुत्ते को हड्डी का एक टुकड़ा मिल गया। उसे अपने मुँह मे दबाकर वह एक कोने में जा बैठा। वह थोड़ी देर तक उस हड्डी के टुकड़े को चूसता रहा। बाद में थककर वहीं सो गया। जब उसकी नींद खुली तो उसे जोरों की प्यास
लगी। मुँह मे हड्डी का टुकड़ा दबाए वह पानी की खोज में चल पड़ा। वह एक नदी के किनारे गया। पानी पीने
के लिये वह झुका, तो उसे पानी में अपनी छाया दिखाई दी। उसे लगा, नदी में कोई दूसरा कुत्ता है। उस कुत्ते के मुँह मे भी हड्डी का टुकड़ा है। कुत्ते के मन में इस हड्डी के टुकड़े को हथिया लेने का विचार आया। उसने गुस्से में आकर जैसे ही भौंकने के लिये मुँह खोला, तो उसके मुँह से हड्डी का टुकड़ा नदी मे जा गिरा। लालच में उसने अपने मुँह की हड्डी भी गँवा दी। काम
शिक्षा –लालच का फल बुरा होता है।
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5.मधुमक्खी और कबूतर – New Moral Stories in Hindi

एक मधुमक्खी थी। एक बार वह उड़ती हुई तालाब के ऊपर से जा रही थी अचानक वह तालाब के पानी में गिर गई।
उसके पंख गीले हो गए। अब वह उड़ नही सकती थी। उसकी मृत्यु निश्चित थी। तालाब के पास पेड़ पर एक कबूतर बैठा हुआ था। उसने मधुमक्खी को पानी में डूबते हुए देखा। कबूतर ने पेड़ से एक पत्ता तोड़ा। उसे अपनी चोंच में उठाकर तालाब में मधुमक्खी के पास गिरा दिया। धीरे-धीरे मधुमक्खी उस पत्ते पर चढ़ गई। थोड़ी देर में उसके पंख सूख गये। उसने कबूतर को धन्यवाद दिया। फिर वह उड़ कर दूर चली गई। कुछ दिन के बाद कबूतर पर एक संकट
आया। वह पेड़ की डाली पर आँख मूंद कर सो रहा था। तभी एक लड़के ने गुलेल से उस पर निशाना साधा। कबूतर इस खतरे से अनजान था। मगर मधुमक्खी ने लड़के को निशाना साधते हुए देख लिया था। मधुमक्खी उड़कर लड़के के पास पहुंची। उसने लड़के के हाथ में डस लिया। लड़के के हाथ से गुलेल गिर पड़ी। दर्द के मारे वह जोर-जोर से चीखने लगा। लड़के की चीख सुनकर कबूतर जाग उठा। उसने अपनी जान बचाने के लिए मधुमक्खी को धन्यवाद दिया और मजे से उड़ गया।
शिक्षा –अच्छे लोग हमेशा दूसरो की मदद करते हैं।
6. ग्रामीण चूहा और शहरी चूहा – Moral Story in Hindi

एक ग्रामीण चूहा था। वह खेत में रहता था। एक शहरी चूहा उसका मित्र था। वह शहर में रहता था। एक दिन ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे को खाने पर निमंत्रित किया। उसने अपने शहरी मेहमान को मीठे-मीठे बेर, मूंगफली के दाने तथा कंदमूल खाने को दिए। पर शहरी चूहे को गाँव का सादा भोजन पसंद नही आया। उसने ग्रामीण चूहे से कहा, भाई! सच्ची बात कहूँ तो तुम्हारा यह देशी खाना मुझे पसंद नही आया। यह तो बड़ा घटिया किस्म का खाना है। इसमें कोई स्वाद भी नहीं है। तुम मेरे घर चलो, तो तुम्हें पता चलेगा कि बढिया खाना कैसा होता है! ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे का
आमंत्रण स्वीकार कर लिया। एक दिन वह शहर गया। उसके शहरी मित्र ने उसे अजीर, खजूर, शहद, बिस्कुट, पावरोटी, मुरब्बा आदि खाने को दिया। भोजन बड़ा स्वादिष्ट था। लेकिन शहर में वे दोनो चैन से भोजन नही कर पाए। वहाँ बार-बार एक बिल्ली आ जाती चूहों को अपनी जान बचाने के लिये भागना पड़ता था। शहरी चूहे का बिल भी बहुत छोटा और सँकरा था। कितना दुखी जीवन है तुम्हारा, भाई? ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे से कहा, मैं तो घर लौट जाता हूँ। वहाँ मैं कम से कम शांतिपूर्वक खाना तो खा सकता हूँ। खेत में अपने स्थान पर वापस लौटने पर ग्रामीण
चूहे को बड़ी प्रसन्नता हुई।
शिक्षा :- शांति और निर्भयता मे ही सच्चा सुख
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7.दो बकरे – top 10 moral stories in hindi

दो बकरे थे। एक काले रंग का था एक भूरे रंग का था। एक दिन वे झरने पर बने पुल से गुजर रहे थे। काला बकरा पुल के इस छोर से और भूरा बकरा उस छोर से आ रहा था। पुल के बीचो-बीच दोनों बकरो का आमना-सामना हुआ।
दोनों अकड़कर खड़े हो गए। पुल बहुत ही सँकरा था। एक बार में उस पुल पर से एक ही जानवर पुल
से जा सकता था। काले बकरे ने भूरे बकरे से गुर्रा कर कहा, “तू मेरे रास्ते से हट जा।” भूरे बकरे ने भी इसी
प्रकार गुर्रा कर जवाब दिया, “अबे कालिए, वापस चला जा, वरना मैं तुझे इस झरने में फेंक दूंगा।” वे दोनो थोडी देर तक एक-दूसरे को धमकाते रहे। उसके बाद दोनों एक दूसरे से भिड़ गए। फिर क्या था! दोनों अपना-अपना संतुलन खो बैठे और लड़खड़ाकर झरने मे जा गिरे। वे झरने की धारा के साथ बहने लगे। थोड़ी देर में ही दोनों डूब
कर मर गए।
इसी तरह दूसरी बार दो बकरियाँ
8. शेर और चूहा – moral stories in hindi for class 1

गर्मी के दिन थे। दोपहरी में एक शेर पेड़ की छाया में सो रहा था। उसी पेड़ के पास बिल में एक चूहा रहता था। वह खेलने के लिये अपने बिल से बाहर निकला और सोए हुए शेर के पास इधर-उधर दौड़ने लगा। इससे शेर की नींद टूट
गयी। उसने चूहे को पंजे मे धर दबोचा। बेचारा चूहा भय से काँपने लगा। चीं-चीं करते हुए उसने शेर से कहा, “हे जंगल के राजा, कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मुझ पर दया कीजिए। मुझे छोड़ दीजिये। इस अहसान का बदला एक दिन मैं जरूर चुका दूगाँ।” नन्हे चूहे के ये शब्द सुनकर शेर जोर से हँस पड़ा। उसने कहा, “बड़ी मजेदार सूझबूझ है तुम्हारी, नन्हे! इत्ता-सा तो है तू! मुझ जैसे ताकतवर जंगल के राजा की तू क्या मदद करेगा? फिर भी शेर को चूहे पर दया आ गयी। उसने चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिन बीत गये। एक दिन चूहे ने शेर की दर्द भरी दहाड़ सुनी। वह फौरन बिल से
बाहर निकला। उसने देखा कि शेर सचमुच संकट में फँस गया है। शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया था। उसने जाल से निकलने की भरसक कोशिश की, पर उसे सफलता नहीं मिली। चूहा दौड़ता हुआ शेर के पास आया। उसने शेर से कहा, “जंगल के राजा, आप चिंता न करें। मै अभी आप को आजाद कर देता हूँ। चूहा अपने तेज दाँतो से जाल को कुतरने लगा। थोड़े समय में ही शेर जाल से मुक्त हो गया। अपनी गुफा शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और
की ओर चल दिया।
9.बंदर का इंसाफ – Short Moral Stories in Hindi for class 1

दो बिल्लियाँ थीं। उन्हें एक दिन रास्ते पर एक केक दिखाई दिया। एक बिल्ली ने उछल कर फौरन उस केक को उठा लिया। दूसरी बिल्ली उससे केक छीनने लगी। पहली बिल्ली ने कहा, चल हट! यह केक मेरा है पहले मैंने ही इसे उठाया है। दूसरी बिल्ली ने कहा, इसे पहले मैने देखा था, इसलिए यह मेरा हुआ। उसी समय वहाँ से एक बंदर जा रहा था। दोनो बिल्लियो ने उससे प्रार्थना की, भाई तुम्ही निर्णायक बनो और हमारा झगड़ा निपटाओ। बंदर ने कहा, लाओ यह केक मुझे दो। मैं इसके दो बराबर बराबर हिस्से करूँगा और दोनों को एक-एक हिस्सा दे दूंगा। बंदर ने केक के दो टुकड़े किये। उसने दोनो टुकड़ो को बारी-बारी से देखा, फिर अपना सिर हिलाते हुए कहा, दोनो टुकड़े बराबर नहीं हैं।
यह टुकड़ा दूसरे टुकड़े से बड़ा है। उसने बड़े टुकड़े से थोड़ा हिस्सा खा लिया। दोनो हिस्से बराबर नही हुए। बंदर ने फिर बड़े हिस्से में से थोड़ा खा लिया। बंदर बार बार बडे टुकड़े में से थोड़ा-थोड़ा खाता रहा। अंत मे केक के केवल दो छोटे-छोटे टुकड़े बचे। बंदर ने बिल्लयो से कहा, ओ-हो-हो! अब भला इतने छोटे-छोटे टुकड़े मैं तुम्हे कैसे दे सकता हूँ? चलो मैं ही खा लेता हूँ। यह कहकर बंदर केक के दोनो टुकड़े मुँह में डालकर चलता बना।
शिक्षा –दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा।
चिंतू और बेरवाला – short moral stories in hindi for Kids

चिंतू बड़ा चतुर एंव निडर लड़का था। एक बार उसने बेरवाले से बेर खरीदे। बेरवाले ने उसे वजन मे कम बेर दिए। चिंतू बेरवाले की चालाकी देख रहा था। उसने तुरंत बेरवाले से पूछा, तुम मुझे कम बेर क्यों दे रहे हो? बेरवाले ने मक्कारी से कहा, तुम्हे ले जाने में आसानी हो, इसलिए। चिंतू ने झटपट कुछ पैसे बेरवाले की हथेली पर रखे और जल्दी-जल्दी जाने लगा। बेरवाले ने पैसे गिने। पैसे कम थे। उसने चिंतू को वापस बुलाकर कहा, तुमने मुझे कम पैसे क्यों दिए?
चिंतू ने फौरन कहा, ताकि तुम्हे गिनने मेआसानी हो।
शिक्षा –चालाक के साथ चालाकी नहीं चलती ।
इसी के साथ हमारे इस Best 10 Short Moral Stories in Hindi for class 1 पोस्ट को समाप्त करते हैं आशा करते हैं हमने तो आपके साथ कहानियां शेर की है वह आपको अच्छी लगे हो अगर आपको किसी प्रकार की ओर मोरल स्टोरी चाहिए तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं. और आपको यह सभी very short stories in hindi, Short Moral Stories for kids, Short Moral Stories in Hindi for class 1, top 10 moral stories in hindi अच्छी लगे हो
बहुत ही अच्छी कहानिया साझा की है। इन कहानियों को पढ़ कर बहुत अच्छा लगा।