व्याकरण के कितने अंग होते हैं?- व्याकरण के कितने भेद होते हैं? – व्याकरण के कितने प्रकार होते हैं? (Vyakaran Ke Kitne Ang Hote Hain – vyakaran ke kitne prakar hote hain – vyakaran ke kitne bhed hote hain – vyakaran ke kaun kaun se ang hote hain): नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हिंदी व्याकरण की पोस्ट में आज के पोस्ट में हम जानेंगे व्याकरण के कितने अंग होते हैं. अगर आप भी छोटी कक्षा में पढ़ रहे हैं तो व्याकरण संबंधित जानकारी आपको होनी जरूरी है. क्योंकि परीक्षा में अक्सर व्याकरण के बारे में प्रश्न पूछे जाते हैं. व्याकरण में भेदों के बहुत सारे प्रकार है उसके बारे में आज हम जानेंगे.
व्याकरण किसे कहते है?
व्याकरण के भेदों के बारे में जाने से पहले ही चलती है कि व्याकरण किसे कहते हैं. तो आपको बता दो का उपयोग हिंदी भाषा की रचना के लिए और उसे बोलने के लिए किया जाता है. व्याकरण के बिना हम किसी भी भाषा का लिखित या मौखिक रचना नहीं कर सकते.

व्याकरण के कितने भेद होते हैं? – व्याकरण के कितने अंग होते हैं?- व्याकरण के कितने प्रकार होते हैं? (vyakaran ke kitne ang hote hain / vyakaran ke kitne bhed aur prakar hote hain)
किसी भी शब्द में भाव व्यक्त करने के लिए. व्याकरण का उपयोग किया जाता है. व्याकरण की मदद से आप किसी भी भावनाओं को, किसी भी काल को शब्द रूप ही बता सकते हो. वाक्य की रचना के लिए शब्दों का समूह बनाया जाता है
Vyakaran Ke Kitne Ang Hote Hain:
- वर्ण विचार
- शब्द विचार
- पद विचार
- वाक्य विचार
1.वर्ण विचार –
वर्ण विचार को हम ऐसा कह सकते हैं की जिसकी वजह से कोई भी वाक्य को पूरा किया जा सकता है. वर्ण के बिना किसी भी वाक्य को लिखित रूप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता. हमारे हिंदी भाषा में ५२ वर्ण है. जिसके आधार पर हमारी हिंदी भाषा और हिंदी व्याकरण की रचना की गई है. हमारे हिंदी भाषा के 52 वर्णों में 11 स्वर, 33 व्यंजन और एक अनुस्वार, सम्मिलित, विसर्ग हैं.
- स्वर
- व्यंजन
2.शब्द विचार –
शब्दों को हम एक हिंदी भाषा का खंड कहते हैं. जब कोई एक से अधिक वर्ण को मिलते हैं तब एक शब्द निर्माण होता है. और क्या कई शब्दों से मिलकर एक वाक्य निर्माण होता है.
उदहारण:
जैसे : न य न – नयन
जैसे उपर 3 वर्ण से मिलकर नयन इस शब्द का निर्माण होता है.
3. पद विचार –
जैसे कि किसी पर वाक्य में एक शब्द का एक स्थान होता है जो कि वाक्य को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. वैसे ही शब्द पूर्ण करने के लिए वरना की जरूरत पड़ती है उसी वरना का एक शब्द में एक महत्वपूर्ण पद होता है उसी को हम और विचार कहते हैं. किसी भी शब्द का पद से हमको उस शब्द के बारे में जानने के लिए आसान होता है
4. वाक्य विचार
यह हिंदी व्याकरण में बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है. वाक्य की रचना शब्दों को मिलाकर की जाती है. हर वाक्यों का कोई सार्थक अर्थ होता है. वाक्य वाक्य के मुख्य तीन प्रकार है जोकि साधारण वाक्य, संयुक्त वाक्य, मिश्रण वाक्य. इन तीनों प्रकार से वाक्य की रचना की जाती है.
साधारण वाक्य:
साधारण वाक्य एक ऐसा वाक्य है जिसमें कर्ता मुख्य रहता है.
जैसे – आज मैं स्कूल नहीं जाऊंगा.
संयुक्त वाक्य:
संयुक्त वाक्य की रचना 2 वाक्य को मिलाकर की जाती है. जिसमें दोनों वाक्य विभिन्न परिस्थिति को दर्शाते हैं.
जैसे – गणेश को खेलना पसंद है और गौरव को पढ़ना पसंद है
मिश्रण वाक्य:
मिश्रित वाक्य, वाक्य का ऐसा प्रकार है जिसमें 2 वाक्य रहते हैं. जिसमें पहला वाक्य को प्रधानों के कहते हैं और दूसरे वाक्य को उपवाक्य कहते हैं. जिसमें कि दूसरा और के पहले वाक्य पर निर्धारित होता है.
जैसे – मैं आज जल्दी सो जाऊंगा, मुझे कल जल्दी उठना है
निष्कर्ष –
यहाँ पर हम व्याकरण के कितने अंग होते हैं?- व्याकरण के कितने भेद होते हैं? – व्याकरण के कितने प्रकार होते हैं? (Vyakaran Ke Kitne Ang Hote Hain , Vyakaran ke kitne mukhya ang hote hain – vyakaran ke kitne bhed hote hain – vyakaran ke kitne prakar hote hain ) इस पोस्ट कों समाप्त करते है. उम्मीद है आपको ऊपर दिख रही होगी हिंदी व्याकरण संबंधित सभी जानकारी के बारे में जानकारी मिल गई हो. हिंदी में और भी बहुत सारी जानकारी आपके लिए लाते रहेंगे इसलिए हमारे वेबसाइट को विजिट करते रहिए. क्योंकि हम हर रोज हिंदी ग्रामर संबंधित पोस्ट आपके लिए बनाते हैं.
आज की पोस्ट में हमने आपके साथ हिंदी व्याकरण का सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक व्याकरण के कितने अंग होते हैं के बारे में आपको बताएं. इस जानकारी को आपके दोस्तों के जरूर करना. अगर आपको हिंदी व्याकरण संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं हम आपके लिए जरूर पोस्ट बनाएंगे.
आपने व्याकरण के भेद के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है..Thanks
आपने इस पोस्ट में हिंदी ग्रामर के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद