Paryayvachi shabd in Hindi ( paryayvachi shabd ):
Table of Contents
पर्यायवाची शब्द (Paryayvachi shabd in Hindi )की परिभाषा
‘पर्याय’ का अर्थ है- ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ है- ‘बोले जाने वाले’ अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं।
इसे हम ऐसे भी कह सकते है- जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते है।
दूसरे अर्थ में– समान अर्थवाले शब्दों को ‘पर्यायवाची शब्द’ या समानार्थक भी कहते है।
जैसे- सूर्य, दिनकर, दिवाकर, रवि, भास्कर, भानु, दिनेश- इन सभी शब्दों का अर्थ है ‘सूरज’ ।
इस प्रकार ये सभी शब्द ‘सूरज’ के पर्यायवाची शब्द कहलायेंगे।
पर्यायवाची शब्द को ‘प्रतिशब्द’ भी कहते है। अर्थ की दृष्टि से शब्दों के अनेक रूप है; जैसे- पर्यायवाची शब्द, युग्म शब्द, एकार्थक शब्द, विपरीतार्थक शब्द, समोच्चरितप्राय शब्द इत्यादि।
किसी भी समृद्ध भाषा में पर्यायवाची शब्दों की अधिकता रहती है। जो भाषा जितनी ही सम्पत्र होगी, उसमें पर्यायवाची शब्दों की संख्या उतनी ही अधिक होगी। संस्कृत में इनकी अधिकता है। हिन्दी के पर्यायवाची शब्द संस्कृत के तत्सम शब्द है, जिन्हें हिन्दी भाषा ने ज्यों-का-त्यों ग्रहण कर लिया है।
यहाँ एक बात ध्यान रखने की यह है कि इन शब्दों में अर्थ की समानता होते हुए भी इनके प्रयोग एक तरह के नहीं हैं। ये शब्द अपने में इतने पूर्ण हैं कि एक ही शब्द का प्रयोग सभी स्थितियों में और सभी स्थलों पर अच्छा नहीं लगता- कहीं कोई शब्द ठीक बैठता है और कहीं कोई। प्रत्येक शब्द की महत्ता विषय और स्थान के अनुसार होती है।
कुछ विशिष्ठ पर्यायवाची शब्द नीचे दी जा रही है (Paryayvachi shabd in Hindi) –
( अ )
अतिथि– मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
अमृत– सुरभोग सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।
अग्नि– आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।
अनुपम– अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।
अर्थ– हय, तुरङ, वाजि, घोडा, घोटक।
असुर-यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर।
अलंकार– आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
अहंकार– दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
अतिथि– मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
अर्थ– धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।
अश्व– हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, तुरग, वाजि, सैन्धव।
अंधकार– तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा।
अंग– अंश, अवयव, हिस्सा, भाग।
अभिमान– अस्मिता, अहं, अहंकार, अहंभाव, अहम्मन्यता, आत्मश्लाघा, गर्व, घमंड, दर्प, दंभ, मद, मान, मिथ्याभिमान।
अरण्य– जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
अनी– कटक, दल, सेना, फौज, चमू, अनीकिनी।
अनादर– अपमान, अवज्ञा, अवहेलना, अवमानना, परिभव, तिरस्कार।
अंकुश– नियंत्रण, पाबंदी, रोक, दबाव।
अंजाम– नतीजा, परिणाम, फल।
अंत– समाप्ति, अवसान, इति, इतिश्री, समापन।
अंतर– भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क।
अंतरिक्ष– खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल।
अंतर्धान– गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।
अंदर– भीतर, आंतरिक, अंदरूनी, अभ्यंतर।
अंदाज– अंदाजा, अटकल, कयास, अनुमान।
अंधा– सूरदास, आँधरा, नेत्रहीन, दृष्टिहीन।
अंबर– आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ।
अंबु– जल, पानी, नीर, क्षीर, सलिल, वारि।
अंबुज– कमल, पंकज, नीरज, वारिज, जलज, सरोज, पदम।
अंबुद– मेघ, बादल, घन, घनश्याम, अंबुधर, घटा।
अंबुनिधि– समुंदर, सागर, सिंधु, जलधि, उदधि, जलेश।
अंशु– रश्मि, किरन, किरण, मयूख, मरीचि।
अंशुमान– सूरज, सूर्य, रवि, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर।
अकड़बाज– ऐंठू, गर्वीला, घमंडी, अकड़ूखाँ, अहंकारी।
अकिंचन– गरीब, निर्धन, दीनहीन, दरिद्र।
अकृतज्ञ– अहसान- फ़रामोश, बेवफा, नमकहराम।
अक्ल- प्रज्ञा, मेधा, मति, बुद्धि, विवेक।
अखिलेश्वर– ईश्वर, परमात्मा, परमेश्वर, भगवान, खुदा।
अगम– दुष्कर, कठिन, दुःसाध्य, अगम्य।
अच्छा– बढ़िया, बेहतर, भला, चोखा, उत्तम।
अजनबी– अनजान, अपरिचित, नावाकिफ।
अजीब– अदभुत, अनोखा, विचित्र, विलक्षण।
अटल– अविचल, अडिग, स्थिर, अचल।
अड़ंगा– बाधा, रुकावट, विघ्न, व्यवधान।
अतीत– भूतकाल, विगत, गत, भूत।
अत्याचारी– जालिम, आततायी, नृशंस, बर्बर।
अदालत– कचहरी, न्यायालय, दंडालय।
अधीन– मातहत, आश्रित, पराश्रित, परवश, परतंत्र।
अधीर– आतुर, धैर्यहीन, व्यग्र, बेकरार, उतावला।
अध्ययन– पठन-पाठन, पढ़ना, पढ़ाई, पठन।
अनपढ़– निरक्षर, अशिक्षित, अपढ़।
अनमोल– अमूल्य, बहुमूल्य, बेशकीमती।
अनाज– अन्न, गल्ला, नाज, खाद्यान्न।
अनाड़ी– अकुशल, अनभिज्ञ, अपटु।
अनाथ– तीम, लावारिस, बेसहारा, अनाश्रित।
अनिवार्य– अत्यावश्यक, अपरिहार्य, अवश्यंभावी, परमावश्यक।
अनुज– छोटा भाई, अनुभ्राता, अवरज, कनिष्ठ।
अनुभवी– तजुर्बेकार, जानकार, अनुभवप्राप्त।
अनुमति– इजाजत, सहमति, स्वीकृति, अनुमोदन।
अनुरोध– विनय, विनती, आग्रह, प्रार्थना।
अनूठा– अदभुत, अनोखा, विलक्षण, अपूर्व।
अन्न– अनाज, गल्ला, नाज, दाना।
अपराधी– गुनहगार, कसूरवार, मुलजिम।
अपवित्र– अशुद्ध, नापाक, अस्वच्छ, दूषित।
अफवाह– गप्प, किंवदंती, जनश्रुति, जनप्रवाद।
अभद्र– असभ्य, अविनीत, अकुलीन, अशिष्ट।
अभिनंदन– स्वागत, सत्कार, आवभगत, अभिवादन।
अमन– शांति, सुकून, सुख-चैन, अमन-चैन।
अमर– चिरंजीवी, अनश्वर, अजर-अमर।
अमीर– धनी, मालदार, रईस, दौलतमंद, धनवान।
अर्चना– आराधना, पूजा, पूजन, अर्चन।
अलि– भौंरा, मधुकर, भ्रमर, भृंग, मिलिंद, मधुप, अलिंद।
असत्य– झूठ, मिथ्या, मृषा, असत।
असभ्य– गँवार, असंस्कृत, उजड्ड।
अहि– साँप, नाग, फणी, फणधर, सर्प।
( आ )
आँख– लोचन, अक्षि, नैन, अम्बक, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।
आकाश– नभ, गगन, द्यौ, तारापथ, पुष्कर, अभ्र, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष, शून्य, अर्श।
आनंद– हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रसन्नता, आह्राद, प्रमोद, उल्लास।
आश्रम– कुटी, स्तर, विहार, मठ, संघ, अखाड़ा ।
आम– रसाल, आम्र, अतिसौरभ, मादक, अमृतफल, चूत, सहकार, च्युत (आम का पेड़), सहुकार।
आंसू– नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
आत्मा– जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।
आँगन– अँगना, अजिरा, प्राङ्गण।
आँधी– तूफान, बवंडर, झंझावत, अंधड़।
आईना– दर्पण, आरसी, शीशा।
आकाश– आसमान, नभ, गगन, व्योम, फलक।
आक्रोश– क्रोध, रोष, कोप, रिष, खीझ।
आखेटक– शिकारी, बहेलिया, अहेरी, लुब्धक, व्याध।
आगंतुक– मेहमान, अतिथि, अभ्यागत।
आग– पावक, अनल, अग्नि, बाड़व, वहि।
आचरण– चाल-चलन, बर्ताव, व्यवहार, चरित्र।
आचार्य– शिक्षक, अध्यापक, प्राध्यापक, गुरु।
आजादी– स्वाधीनता, स्वतंत्रता, मुक्ति।
आजीविका– व्यवसाय, रोजी-रोटी, वृत्ति, धंधा।
आज्ञा– हुक्म, फरमान, आदेश।
आतिथ्य– मेहमानदारी, मेजबानी, मेहमाननवाजी, खातिरदारी।
आत्मा– रूह, जीवात्मा, जीव, अंतरात्मा।
आदत– स्वभाव, प्रकृति, प्रवृत्ति।
आदमी– मानव, मनुष्य, मनुज, मानुष, इंसान।
आनन– चेहरा, मुखड़ा, मुँह, मुखमंडल, मुख।
आबंटन– विभाजन, वितरण, बाँट, वंटन।
आबरू– सम्मान, प्रतिष्ठा, इज्जत।
आयु– उम्र,वय, जीवनकाल।
आयुष्मान– दीर्घायु, दीर्घजीवी, चिरंजीवी, चिरायु।
आरंभ– श्रीगणेश, शुभारंभ, प्रारंभ, शुरुआत, समारंभ।
आरसी– दर्पण, आईना, मुकुर, शीशा।
आवास– निवास-स्थान, घर, निलय, निकेत, निवास।
आवेदन– प्रार्थना, याचना, निवेदन।
आशीर्वाद– शुभकामना, आशीष, आशिष, दुआ।
( इ )
इन्द्र– सुरेश, अमरपति, वज्रधर, वज्री, शचीश, वासव, वृषा, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, मधवा, शचीपति, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।
इन्द्राणि– इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।
इच्छा- अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
इंतकाल– देहांत, निधन, मृत्यु, अंतकाल।
इंदु– चाँद, चंद्रमा, चंदा, शशि, राकेश, मयंक, महताब।
इंसान– मनुष्य, आदमी, मानव, मानुष।
इंसाफ– न्याय, फैसला, अद्ल।
इजाजत– स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।
इज्जत– मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
इनाम– पुरस्कार, पारितोषिक, बख्शीश।
इलजाम– आरोप, लांछन, दोषारोपण, अभियोग।
( ई )
ईश्वर– परमपिता, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।
ईख– गन्ना, ऊख, इक्षु।
ईप्सा– इच्छा, ख्वाहिश, कामना, अभिलाषा।
ईमानदारी– सच्चा, सत्यपरायण, नेकनीयत, सत्यनिष्ठ।
ईर्ष्या– विद्वेष, जलन, कुढ़न, ढाह।
ईसा– यीशु, ईसामसीह, मसीहा।
ईहा– मनोकामना, अभिलाषा, इच्छा, आकांक्षा, कामना।
( उ )
उपवन– बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।
उक्ति– कथन, वचन, सूक्ति।
उग्र– प्रचण्ड, उत्कट, तेज, महादेव, तीव्र, विकट।
उचित– ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य।
उच्छृंखल– उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।
उजड्ड– अशिष्ट, असभ्य, गँवार, जंगली, देहाती, उद्दंड, निरकुंश।
उजला– उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।
उजाड– जंगल, बियावान, वन।
उजाला– प्रकाश, रोशनी, चाँदनी।
उत्कष– समृद्धि, उन्नति, प्रगति, प्रशंसा, बढ़ती, उठान।
उत्कृष्ट– उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छा, बढ़िया, उम्दा।
उत्कोच– घूस, रिश्वत।
उत्पति– उद्गम, पैदाइश, जन्म, उद्भव, सृष्टि, आविर्भाव, उदय।
उद्धार– मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, रिहाई।
उपाय– युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न।
उज्र– ऐतराज, विरोध, आपत्ति।
उत्थान– उत्कर्ष, प्रगति, उन्नयन।
उत्साह– उमंग, जोश, उछाह।
उदार– फ़राख़दिल, क्षीरनिधि, दरियादिल, दानशील, दानी।
उदाहरण– मिसाल, नजीर, दृष्टांत।
उद्दंड– ढीठ, अशिष्ट, बेअदब, गुस्ताख़।
उद्देश्य– लक्ष्य, प्रयोजन, मकसद।
उद्यान– बगीचा, बाग, वाटिका, उपवन।
उन्नति– प्रगति, तरक्की, विकास, उत्कर्ष।
उपकार– भेंट, नजराना, तोहफा।
उपहास– परिहास, मजाक, खिल्ली।
उपानह– खड़ाऊँ, पनही, पादुका, पदत्राण।
उमा– गौरी, गौरा, गिरिजा, पार्वती, शिवा, शैलजा, अपर्णा।
उम्मीद– आशा, आस, भरोसा।
उर– हृदय, दिल, वक्षस्थल।
उरग– सर्प, साँप, नाग, फणी, फणधर, मणिधर, भुजंग।
उलूक– उल्लू, चुगद, खूसट, कौशिक, घुग्घू।
उषा– सुबह, भोर, भिनसार, अलस्सुबह, ब्रह्ममुहूर्त।
उष्णीष– मुंड़ासा, पगड़ी, साफा, पाग, मुरेठा।
( ऊ )
ऊँचा– तुंग, उच्च, बुलंद, गगनस्पर्शी।
ऊँट– करभ, उष्ट्र, लंबोष्ठ, साँड़िया।
ऊखल– ओखली, उलूखल, कूँडी।
ऊसर– अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्य।
ऊधम– उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।
( ऋ )
ऋक्ष– भालू, रीछ, भीलूक, भल्लाट, भल्लूक।
ऋक्षेश– चंद्रमा, चंदा, चाँद, शशि, राकेश, कलाधर, निशानाथ।
ऋण– कर्ज, कर्जा, उधार, उधारी।
ऋतुराज– बहार, मधुमास, वसंत, ऋतुपति, मधुऋतु।
ऋषभ– वृष, वृषभ, बैल, पुंगव, बलीवर्द, गोनाथ।
ऋषि– साधु, महात्मा, मुनि, योगी, तपस्वी।
ऋष्यकेतु– कामदेव, मकरकेतु, मकरध्वज, मदन, मनोज, मन्मथ।
( ए )
एकतंत्र– राजतंत्र, एकछत्र, तानाशाही, अधिनायकतंत्र।
एकदंत– गणेश, गजानन, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, वक्रतुंड।
एतबार– विश्वास, यकीन, भरोसा।
एषणा– इच्छा, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, हसरत।
एहसान– कृपा, अनुग्रह, उपकार।
( ऐ )
ऐंठ– कड़, दंभ, हेकड़ी, ठसक।
ऐब– खामी, खराबी, कमी, अवगुण।
ऐयार– धूर्त, मक्कार, चालाक।
ऐहिक– सांसारिक, लौकिक, दुनियावी।
ऐक्य– एकत्व, एका, एकता, मेल।
ऐश्वर्य– समृद्धि, विभूति।
( ओ )
ओज– तेज, शक्ति, बल, चमक, कांति, दीप्ति, वीर्य।
ओंठ– ओष्ठ, अधर, लब, होठ।
ओला– हिमगुलिका, उपल, करका, हिमोपल।
ओस– नीहार, तुहिन, शबनम।
ओहार– आवरण, परदा, आच्छादन।
( औ )
औचक– अचानक, यकायक, सहसा।
औरत– स्त्री, जोरू, घरनी, महिला, मानवी, तिरिया, नारी, वनिता, घरवाली।
औचित्य– उपयुक्तता, तर्कसंगति, तर्कसंगतता।
औलाद– संतान, संतति, आसऔलाद, बाल-बच्चे।
औषधालय– चिकित्सालय, दवाखाना, अस्पताल।
( क )
कमल– नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।
किरण– गभस्ति, रश्मि, अंशु, अर्चि, गो, कर, मयूख, मरीचि, ज्योति, प्रभा।
कामदेव– मदन, मनोज, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, पंचशर, मनसिज, काम, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।
कपड़ा– मयुख, वस्त्र, चीर, वसन, पट, अंशु, कर, अम्बर, परिधान।
कुबेर– कित्ररेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज।
किस्मत– होनी, विधि, नियति, भाग्य।
कच– बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरूह।
कबूतर– कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल।
कण्ठ– ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।
कृपा– प्रसाद, करुणा, अनुकम्पा, दया, अनुग्रह।
किताब– पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक।
किनारा– तीर, कूल, कगार, तट।
किसान– कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता।
कृष्ण– राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, मुरारी, नन्दनन्दन, राधारमण, दामोदर, ब्रजवल्लभ, गोपीनाथ, मुरलीधर, द्वारिकाधीश, यदुनन्दन, कंसारि, रणछोड़, बंशीधर, गिरधारी।
कान– कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल, श्रवण, श्रोत, श्रुतिपुट।
कोयल– कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया।
क्रोध– रोष, कोप, अमर्ष, गुस्सा, आक्रोश, कोह, प्रतिघात।
कार्तिकेय– कुमार, षडानन, शरभव, स्कन्द।
कुत्ता– श्वा, श्रवान, कुक्कुर। शुनक, सरमेव।
कल्पद्रुम– देवद्रुम, कल्पवृक्ष, पारिजात, मन्दार, हरिचन्दन।
काक– कौआ, वायस, काग, करठ, पिशुन।
कंगाल– निर्धन, गरीब, रंक, धनहीन।
कंचन– स्वर्ण, सोना, कनक, कुंदन, हिरण्य।
कंजूस– कृपण, सूम, मक्खीचूस।
कंटक– काँटा, खार, सूल।
कंदरा– गुफा, खोह, विवर, गुहा।
कछुआ– कच्छप, कमठ, कूर्म।
कटक– फौज, सेना, पलटन, लश्कर, चतुरंगिणी।
कद्र– मान, सम्मान, इज्जत, प्रतिष्ठा।
कमजोर– निर्बल, बलहीन, दुर्बल, मरियल, शक्तिहीन।
कमला– लक्ष्मी, महालक्ष्मी, श्री, हरप्रिया।
कर्ज– उधार, ऋण, कर्जा, उधारी, कुसीद।
कलानाथ– चंद्रमा, कलाधर, सुधाकर, सोम, सुधांशु, हिमांशु, तारापति।
कल्याण– भलाई, परहित, उपकार, भला।
कष्ट– तकलीफ, पीड़ा, वेदना, दुःख।
काग– कौआ, कागा, काक, वायस।
कातिल– खूनी, हत्यारा, घातक।
कामधेनु– सुरभि, सुरसुरभि, सुरधेनु।
कायर– कापुरुष, डरपोक, बुजदिल।
काल– समय, वक्त, वेला।
कालकूट– जहर, विष, गरल, हलाहल।
काला– श्याम, कृष्ण, कलूटा, साँवला, स्याह।
किनारा– तट, तीर, कगार, कूल, साहिल।
किरण– किरन, अंशु, रश्मि, मयूख।
किरीट– ताज, मुकुट, शिरोभूषण।
किश्ती- कश्ती, नाव, नौका, नैया।
कीर– तोता, सुग्गा, सुआ, शुक।
कुंभ– घड़ा, गागर, घट, कलश।
कुसुम– पुष्प, फूल, प्रसून, पुहुप।
कृश– दुबला, क्षीणकाय, कमजोर, दुर्बल, कृशकाय।
कृषि– किसानी, खेतीबाड़ी, काश्तकारी।
केतन– ध्वज, झंडा, पताका, परचम।
केवट– मल्लाह, माँझी, खेवैया, नाविक।
केसरी– शेर, सिंह, नाहर, वनराज, मृगराज, मृगेंद्र।
कोकिल– कोकिला, कोयल, पिक, श्यामा।
कोविद– विद्वान, पंडित, विशारद।
कुद्ध– नाराज, कुपित, क्रोधित, क्रोधी।
क्रूर– बेरहम, बेदर्द, बेदर्दी, बर्बर।
क्षिप्र– तीव्र, तेज, द्रुत, शीघ्र, तुरंत।
क्षीण– कमजोर, कृश, दुर्बल, अशक्त।
क्षीर– दूध, गोरस, दुग्ध।
कीर्ति– यश, ख्याति, प्रतिष्ठा, शोहरत, प्रसिद्धि।
( ख )
खाना– भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार, भोजन।
खग– पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, शकुनि, पखेरू।
खंभा– स्तूप, स्तम्भ, खंभ।
खंड– अंश, भाग, हिस्सा, टुकड़ा।
खटमल– मत्कुण, खटकीट, खटकीड़ा।
खद्योत– जुगनू, सोनकिरवा, पटबिजना, भगजोगिनी।
खर– गधा, गर्दभ, खोता, रासभ, वैशाखनंदन।
खरगोश– शशक, शशा, खरहा।
खल– दुष्ट, बदमाश, दुर्जन, गुंडा।
खलक– दुनिया, जगत, जग, विश्व, जहान।
खादिम– नौकर, चाकर, भृत्य, अनुचर।
खाविंद– पति, मियाँ, भर्तार, बालम, साजन, सैयाँ।
खिल्ली– मखौल, ठिठोली, उपहास।
खुदगर्ज– स्वार्थी, मतलबी, स्वार्थपरायण।
खुदा– राम, रहीम, रहमान, अल्लाह, परवरदिगार।
खौफ– डर, भय, दहशत, भीति।
खून– रक्त, लहू, शोणित, रुधिर।
( ग )
गणेश– विनायक, गजानन, गौरीनंदन, मूषकवाहन, गजवदन, विघ्रनाशक, भवानीनन्दन, विघ्रराज, मोदकप्रिय, मोददाता, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय, एकदन्त।
गंगा– देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, सुरसरि, अमरतरंगिनी, विष्णुपदी, नदीश्वरी, त्रिपथगा।
गज– हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल ।
गाय– गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, दोग्धी, रोहिणी।
गृह– घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आगार, आयतन, आलय, आवास, निलय, मंदिर।
गर्मी– ताप, ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, निदाघ।
गुरु– शिक्षक, आचार्य, उपाध्याय।
गणेश– विनायक, गणपति, लंबोदर, गजानन्।
गंगा– भगीरथी, मंदाकिनी,सुरसरिता, देवनदी, जाहनवी।
गरुड़– खगेश, पत्रगारि, उरगारि, हरियान, वातनेय, खगपति, सुपर्ण, विषमुख।
गँवार– अशिष्ट, असभ्य, उजड्ड।
गऊ– गैया, गाय, धेनु।
गगन– आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष।
गज– हाथी, गय, गयंद, गजेंद्र, मतंग, मराल, फील।
गजानन– गणेश, एकदंत, विनायक, विनायक, विघ्नेश, लंबोदर।
गन्ना- ईख, इक्षु, उक्षु, ऊख।
गरदन– गला, कंठ, ग्रीवा, गलई।
गल्ला– अन्न, अनाज, फसल, खाद्यान्न।
गाँव- ग्राम, देहात, खेड़ा, पुरवा, टोला।
गाथा– कथा, कहानी, किस्सा, दास्तान।
गाना– गान, गीत, नगमा, तराना।
गाफिल– बेखबर, बेपरवाह, असावधान।
गिरि– पहाड़, मेरु, शैल, महीधर, धराधर, भूधर।
गिरिराज– हिमालय, पर्वतराज, पर्वतेश्वर, शैलेंद्र, गिरीश, गिरींद्र।
गीदड़– श्रृंगाल, सियार, जंबुक।
गुनाह– अपराध, कसूर, खता, दोष।
गुलामी– दासता, परतंत्रता, परवशता।
गेहूँ– कनक, गोधूम, गंदुम।
गोद– अंक, क्रोड़, गोदी।
गोधूलि– साँझ, संध्या, शाम, सायंकाल।
ग्रामीण– ग्राम्य, ग्रामवासी, देहाती।
ग्राह– मगरमच्छ, घड़ियाल, मगर, झषराज।
गदहा– खर, गर्दभ, धूसर, रासभ, बेशर, चक्रीवान, वैशाखनन्दन।
( घ )
घट– घड़ा, कलश, कुम्भ, निप।
घर– आलय, आवास, गेह, गृह, निकेतन, निलय, निवास, भवन, वास, वास-स्थान, शाला, सदन।
घृत– घी, अमृत, नवनीत।
घटना– हादसा, वारदात, वाक्या।
घन– मेघ, बादल, घटा, अंबुद, अंबुधर।
घपला– गड़बड़ी, गोलमाल, घोटाला।
घमंड– दंभ, दर्प, गर्व, गरूर, गुमान, अभिमान, अहंकार।
घुड़सवार– अश्वारोही, तुरंगी, तुरंगारूढ़।
घुमक्कड़– भ्रमणशील, पर्यटक, यायावर।
घूँस– घूस, रिश्वत, उत्कोच।
घोड़ा– तुरंग, हय, घोट, घोटक, अश्व।
घास– तृण, दूर्वा, दूब, कुश, शाद।
( च )
चन्द्र– चाँद, सुधांशु, सुधाधर, राकेश, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति, मृगांक, कलानिधि, हिमांशु, इंदु, सुधाकर, विधु, शशि, चंद्रमा, तारापति।
चंद्रमा– चाँद, हिमांशु, इंदु, सुधांशु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, कलाधर, निशाकर, मृगांक, राकापति, हिमकर, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, मयंक, सारंग, सुधाकर, कलानिधि।
चरण– पद, पग, पाँव, पैर, पाद।
चतुर– विज्ञ, निपुण, नागर, पटु, कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य।
चोर– तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुम्भिल, खनक, साहसिक।
चाँदनी– चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रमरीचि, उजियारी, चन्द्रप्रभा, जुन्हाई।
चाँदी– रजत, सौध, रूपा, रूपक, रौप्य, चन्द्रहास।
चन्द्रिका– चाँदनी, ज्योत्स्ना, कौमुदी।
चंट– चालाक, घाघ, काइयाँ।
चंडी– दुर्गा, अंबा, काली, कालिका, जगदंबिका, भगवती।
चंदन– गंधराज, गंधसार, मलयज।
चंद्रशेखर– महादेव, शिव, शंभु, शंकर, महेश्वर, नीलकंठ, आशुतोष।
चक्षु– नैन, आँख, दीदा, लोचन, नेत्र, नयन।
चतुरानन– विधाता, ब्रह्मा, सृष्टा, सृष्टिकर्ता।
चना– चणक, रहिला, छोला।
चर्मकार– मोची, चमार, पादुकाकार।
चारबाग– बाग, बगीचा, उपवन, उद्यान।
चारु– कमनीय, मनोहर, आकर्षक, खूबसूरत।
चावल– तंदुल, धान, भात।
चिट्ठी– पत्र, पाती, खत।
चिराग– दीया, दीपक, दीप, शमा।
चूहा– मूसा, मूषक, मुसटा, उंदुर।
चेरी– दासी, सेविका, बाँदी, नौकरानी, अनुचरी।
चेला– शागिर्द, शिष्य, विद्यार्थी।
चेहरा– शक्ल, आनन, मुख, मुखड़ा।
चोरी– स्तेय, चौर्य, मोष, प्रमोष।
चौकन्ना– सचेत, सजग, सावधान, जागरूक, चौकस।
चौकीदार– प्रहरी, पहरेदार, रखवाला।
चौमासा– वर्षाकाल, वर्षाऋतु, बरसात।
चोटी– मूर्धा, शीश, सानु, शृंग।
( छ )
छतरी– छत्र, छाता, छत्ता।
छली– छलिया, कपटी, धोखेबाज।
छवि– शोभा, सौंदर्य, कान्ति, प्रभा।
छानबीन– जाँच, पूछताछ, खोज, अन्वेषण, शोध, गवेषण।
छैला– सजीला, बाँका, शौकीन।
छँटनी– कटौती, छँटाई, काट-छाँट।
छटा– शोभा, छवि, सुंदरता, खूबसूरती।
छल– दगा, ठगी, फरेब, छलावा।
छाछ– मही, मठा, मठ्ठा, लस्सी, छाछी।
छाती– सीना, वक्ष, उर, वक्षस्थल।
छींटाकशी– ताना, व्यंग्य, फब्ती, कटाक्ष।
छुटकारा– मुक्ति, रिहाई, निजात।
छेरी– बकरी, छागी, अजा।
छोर– नोक, कोर, किनारा, सिरा।
( ज )
जल- मेघपुष्प, अमृत, सलिल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, पय, पेय।
जहर– गरल, कालकूट, माहुर, विष ।
जगत– संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।
जीभ– रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।
जंगल– विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।
जेवर– गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, मंडल।
ज्योति– आभा, छवि, द्युति, दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि।
जहाज– पोत, जलयान।
जानकी– सीता, वैदही, जनकसुता, मिथिलेशकुमारी, जनकतनया, जनकात्मजा।
जंग– लड़ाई, संग्राम, समर, युद्ध।
जईफी– वृद्धावस्था, बुढ़ापा, बुजुर्गी।
जत्था– गुट, दल, समूह, टोली, गिरोह।
जनक– तात, बाप, पिता, बप्पा, बापू, वालिद।
जननी– माँ, माता, मम्मी, अम्मा, वालिदा।
जन्नत– स्वर्ग, सुरधाम, बैकुंठ, सुरलोक, हरिधाम।
जन्मांध- सूरदास, अंधा, आँधरा, नेत्रहीन।
जबह– वध, हत्या, कत्ल, खून।
जम्हूरियत– प्रजातंत्र, लोकतंत्र, लोकशाही, जनताशासन।
जमाई– दामाद, जामाता, जँवाई।
जमीन– धरती, भू, भूमि, पृथ्वी, धरा, वसुंधरा।
जय– जीत, फतह, विजय।
जरठ– वृद्ध, बुड्ढा, बूढ़ा।
जलाशय– तालाब, तलैया, ताल, पोखर, सरोवर।
जवान– तरुण, युवक, नौजवान, नौजवाँ, युवा।
जवानी– युवावस्था, यौवन, तारुण्य, तरुणाई।
जहन्नुम– नरक, दोजख, यमपुरी, यमलोक।
जहाज– पोत, बेड़ा, जलयान, जलपोत।
जहीन– बुद्धिमानी, अक्लमंद, मेधावी, मेधावान, तीक्ष्ण बुद्धि।
जाँघ– उरु, जानु, जघन, जंघा, रान।
जाई– बेटी, कन्या, पुत्री, लड़की।
जासूस– गुप्तचर, भेदिया, खुफिया।
जिंदगी– जिंदगानी, जीवन, हयात।
जिल्लत– अपमान, तिरस्कार, अनादर, तौहीन, बेइज्जती।
जिस्म– देह, बदन, शरीर, काया, वपु।
जीव– रूह, प्राण, आत्मा, जीवात्मा।
जीविका– रोजी-रोटी, रोजी, आजीविका, वृत्ति।
जुल– धोखा, फरेब, दगा, छल।
जुलाहा– बुनकर, कोली, कोरी।
जोहड़– तालाब, तलैया, तड़ाग, सरोवर, जलाशय।
ज्ञानी– विद्वान, सुविज्ञ, आलिम, विवेकी, ज्ञानवान।
ज्योत्स्ना– चाँदनी, चंद्रप्रभा, कौमुदी, जुन्हाई।
( झ )
झरना– उत्स, स्रोत, प्रपात, निर्झर, प्रस्त्रवण।
झण्डा- ध्वजा, पताका, केतु।
झंझा– अंधड़, आँधी, बवंडर, झंझावत, तूफान।
झाँसा– दगा, धोखा, फरेब, ठगी।
झींगुर– घुरघुरा, झिल्ली, जंजीरा, झिल्लिका।
झूठ– असत्य, मिथ्या, मृषा, अनृत।
( ट )
टक्कर– मुठभेड़, लड़ाई, मुकाबला।
टहलुआ– नौकर, सेवक, खिदमतगार।
टाँग– पाँव, पैर, टंक।
टीका– तिलक, चिह्न, दाग, धब्बा।
टोना– टोटका, जादू, यंत्रमंत्र, लटका।
टंटा- झगड़ा, लफ़ड़ा, पचड़ा, झंझट।
टसुआ– अश्क, अश्रु, आँसू।
टहनी– डाल, डाली, वृंत, उपशाखा, प्रशाखा।
टहल– सेवा, परिचर्या, खिदमत, सुश्रूषा।
टेर– बुलावा- गुहार, पुकार, आह्वान।
( ठ )
ठंड– ठंड, शीत, सर्दी।
ठग– छली, छलिया, फ़रेबी, वंचक, धूर्त, धोखेबाज।
ठाँव– स्थान, जगह, ठिकाना।
ठिंगना– बौना, वामन, नाटा।
ठीक– उपयुक्त, उचित, मुनासिब।
ठेठ– निपट, निरा, बिल्कुल।
ठटरी– कंकाल, पंजर, अस्थिपंजर, ठठरी।
ठठोली– मजाक, परिहास, ठट्ठा, ठिठोली, दिल्लगी।
ठन-ठन गोपाल- निर्धन, गरीब, दरिद्र, अकिंचन।
ठहाका– कहकहा, अट्टहास, खिलखिलाना।
ठाकुरद्वारा– मंदिर, देवालय, शिवाला, देवस्थान।
ठाली– बेरोजगार, ठलुआ, बेकार।
ठिल्ली– गगरी, गागर, घड़ा, मटकी।
ठुड्डी– ठुड्डी, हनु, चिबुक, ठोड़ी।
ठेस– चोट, आघात, धक्का।
( ड )
डंडा– सोंटा, छड़ी, लाठी।
डाली– भेंट, उपहार।
डंका– नगाड़ा, भेरी, दुंदभि, धौंसा।
डंस– मच्छर, मस, डाँस, मच्छड़।
डगर– राह, रास्ता, पथ, मार्ग, पंथ।
डर– खौफ, भय, दहशत, भीति।
डाकू– दस्यु, लुटेरा, डकैत, बटमार, राहजन।
डाल– डाली, टहनी, वृंत, शाखा।
डाह– द्वेष, ईर्ष्या, जलन, कुढ़न।
डोली– पालकी, डोला, मियाना।
( ढ )
ढब– ढंग, रीति, तरीका, ढर्रा।
ढाँचा– पंजर, ठठरी।
ढील– शिथिलता, सुस्ती, अतत्परता।
ढूँढ– खोज, तलाश।
ढँग– शऊर, सलीका, कायदा, तौरतरीका।
ढिंढोरा– मुनादी, ढँढोरा, डुगडुगी, डौंड़ी।
ढिग– समीप, निकट, पास, आसन्न।
ढिबरी– दीया, चिराग, डिबिया, लैंप।
ढीठ– धृष्ट, उद्दंड, दुस्साहसी।
ढोंग– पाखंड, प्रपंच, आडम्बर, ढोंगबाजी।
ढोल– ढोलकी, ढोलक, पटह, प्रणव।
ढोर– चौपाया, मवेशी।
(त )
तालाब– सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, ह्रद, पद्याकर , पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग।
तोता– सुग्गा, शुक, सुआ, कीर, रक्ततुण्ड, दाड़िमप्रिय।
तरुवर– वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, रूंख, पादप।
तलवार– असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, शमशीर चन्द्रहास।
तरकस– तूण, तूणीर, त्रोण, निषंग, इषुधी।
तामरस– कमल, पंकज, सरसिज, नीरज, पुण्डरीक, इन्दीवर।
तिमिर– तम, अंधकार, अंधेरा, तमिस्त्रा।
तंगदस्त– तंगहाल, गरीब, फटेहाल, निर्धन।
तंज– कटाक्ष, ताना, व्यंग्य, फबती, छींटाकशी।
तंदुल– धान, चावल, अक्षत, चाउर।
तकदीर– किस्मत, मुकद्दर, नसीब, भाग्य, प्रारब्ध।
तट– कगार, किनारा, कूल, तीर, साहिल।
तटिनी– नदी, सरिता, दरिया, सलिला, तरंगिणी।
तड़ाग– जलाशय, सरोवर, तालाब, पोखर।
तड़ित– विद्युत, बिजली, दामिनी, सौदामिनी, गाज।
तथागत– बुद्ध, सिद्धार्थ, बोधिसत्व, गौतम।
तदबीर– तरकीब, उपाय, युक्ति।
तन– काया, देह, शरीर, बदन, तनु।
तपस्वी– तापस, मुनि, संन्यासी, तपसी, बैरागी।
तपेदिक– टी.बी., दिक, यक्ष्मा, राजयक्ष्मा।
तबाह– ध्वस्त, नष्ट, बरबाद।
तम– अँधेरा, अंधकार, तिमिर, अँधियारा।
तमा– रजनी, रात, निशा, रात्रि।
तमारि– सूरज, सूर्य, दिवाकर, दिनकर, आदित्य, भानु, भास्कर।
तरनी– नौका, नाव, किश्ती, नैया।
तरुण– युवक, युवा, जवान, नौजवान।
तरुणाई– युवावस्था, यौवन, जवानी, जोबन।
तहजीब– संस्कृति, सभ्यता, तमद्दुन।
तिजारत– व्यवसाय, व्यापार, सौदागरी।
तिरिया– स्त्री, औरत, महिला, ललना।
तीमारदारी– सेवाटहल, परिचर्या, सेवासुश्रूषा।
तुरंग– घोड़ा, अश्व, हय, घोटक, तुरग।
तुला– तराजू, काँटा, धर्मकाँटा।
त्वचा– चर्म, चमड़ा, चमड़ी, खाल।
तीर– शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।
( थ )
थोड़ा– अल्प, न्यून, जरा, कम।
थाती– जमापूँजी, धरोहर, अमानत।
थाक– ढेर, समूह।
थप्पड़– तमाचा, झापड़।
थकान– थकावट, श्रांति, क्लांति।
थल– स्थान, स्थल, भूमि, जगह।
थवई– राज, राजगीर, मिस्त्री, राजमिस्त्री।
थोथा– सारहीन, खोखला, खाली।
थोबड़ा– मुखड़ा, मुँह, थूथन।
थंभ– खंभ, खंभा, स्तम्भ।
( द )
दूध– दुग्ध, दोहज, पीयूष, क्षीर, पय, गौरस, स्तन्य।
दास– नौकर, चाकर, सेवक, परिचारक, अनुचर, भृत्य, किंकर।
दुःख– पीड़ा, कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, संकट, क्लेश, यातना, यन्तणा, शोक, खेद, पीर,।
देवता– सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, निर्जर, त्रिदश, गीर्वाण, अदितिनंदन, अमर्त्य, अस्वप्न, आदितेय, दैवत, लेख, अजर, विबुध।
द्रव्य– धन, वित्त, सम्पदा, विभूति, दौलत, सम्पत्ति।
दैत्य– असुर, इंद्रारि, दनुज, दानव, दितिसुत, दैतेय, राक्षस।
दधि– दही, गोरस, मट्ठा, तक्र।
दरिद्र– निर्धन, ग़रीब, रंक, कंगाल, दीन।
दिन– दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान, वासर, अह्न।
दीन– ग़रीब, दरिद्र, रंक, अकिंचन, निर्धन, कंगाल।
दीपक– दीप, दीया, प्रदीप।
दुष्ट– पापी, नीच, दुर्जन, अधम, खल, पामर।
दाँत– दशन, रदन, रद, द्विज, दन्त, मुखखुर।
दर्पण– शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।
दुर्गा– चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, सिंहवाहिनी, कामाक्षी, सुभद्रा, महागौरी, कालिका, शिवा, चण्डी, चामुण्डा।
दया– अनुकंपा, अनुग्रह, करुणा, कृपा, प्रसाद, संवेदना, सहानुभूति, सांत्वना।
देव-अमर, देवता, सुर, निर्जर, वृन्दारक, आदित्य।
दंगल– कुश्ती, मल्लयुद्ध, पहलवानी, बाहुयुद्ध।
दक्ष– निपुण, प्रवीण, चतुर, कुशल, होशियार।
दनुज– असुर, दानव, दैत्य, राक्षस, निशाचर।
दम– ताकत, बल, शक्ति, दमखम।
दर– भाव, मूल्य, रेट, कीमत।
दरख्त– वृक्ष, तरु, पेड़, विटप, द्रुम।
दरियादिल– उदार, दानी, दानशील, फ़राख़दिल।
दरीचा– खिड़की, गवाक्ष, झरोखा।
दशकंधर– दशानन, लंकापति, दशकंठ, रावण।
दशरथ– अवधेश, कौशलपति, दशस्यंदन, रावण।
दस्तूर– रीति-रिवाज, प्रथा, परंपरा, चलन।
दादा– पितामह, बाबा, आजा।
दादुर– मेंढक, मंडूक, भेक।
दारा– बीवी, पत्नी, अर्धांगिनी, वामांगिनी, गृहणी।
दिनकर– सूरज, सूर्य, भानु, भास्कर, दिवाकर, रवि, दिवेश, दिनेश।
दिवंगत– स्वर्गीय, मृत, मरहूम, परलोकवासी।
दीदा– नेत्र, नयन, आँख, चक्षु।
दुनिया– जग, जगत, खलक, जहान, विश्व, संसार, भव।
दुर्गुण– अवगुण, ऐब, बुराई, खामी।
दुर्जन– दुष्ट, खल, शठ, असज्जन।
दुर्भिक्ष– अकाल, दुकाल, दुष्काल, सूखा।
दुर्लभ– अलभ्य, दुष्प्राप्य, अप्राप्य।
दुविधा– कशमकश, पशोपेश, असमंजस, अनिश्चय।
दुश्मन– रिपु, वैरी, अरि, शत्रु, बैरी।
दुष्कर– कठिन, दुसाध्य, दूभर, मुश्किल।
देश– राष्ट्र, राज्य, मुल्क।
देशज– देशजात, देशीय, देशी, मुल्की, वतनी।
देशाटन– यात्रा, विहार, पर्यटन, देशभ्रमण।
देहाती– ग्रामवासी, ग्रामीण, ग्राम्य।
द्राक्षा– अंगूर, दाख, रसा, रसाला।
द्वेषी– विद्वेषी, ईर्ष्यालु, विरोधी।
द्वैत– जोड़ा, युगल, द्वय, यमल, युग, युति।
द्वैपायन– वेदव्यास, व्यास, पाराशर, कृष्ण।
देह– काया, तन, शरीर, वपु, गात।
( ध )
धन– दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त।
धरती– धरा, धरती, वसुधा, ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला, मही, रत्नवती, रत्नगर्भा।
धंधा– आजीविका, उद्योग, कामधंधा, व्यवसाय।
धनंजय– अर्जुन, सव्यसाची, पार्थ, गुड़ाकेश, बृहन्नला।
धनु– धनुष, पिनाक, शरासन, कोदंड, कमान, धनुही।
धराधर– पर्वत, पहाड़, शैल, मेरु, महीधर, भूधर।
धराधीश– सम्राट, शहंशाह, नृप, नरेश, महीप, महीपति।
धात्री– धाय, उपमाता, आया, दाई।
धान– चावल, चाउर, तंदुल, शालि, व्रीहि।
धी– अक्ल, दिमाग, बुद्धि, मति, प्रज्ञा, मेधा, विवेक।
धीरज– सब्र, संतोष, तसल्ली, धैर्य, दिलासा।
धीवर– मछुहारा, मछुआरा, मत्स्यजीवी।
धेनु– गऊ, गाय, गैया, गौ, गोमाता, सुरभि।
ध्येय– प्रयोजन, अभिप्राय, लक्ष्य, मकसद, उद्देश्य।
ध्वज– झंडा, ध्वजा, केतन, केतु।
ध्वनि– नाद, रव, स्वर, ताल, आवाज।
धनुष– चाप्, शरासन, कमान, कोदंड, पिनाक, सारंग, धनु।
( न )
नदी– तनूजा, सरित, शौवालिनी, स्रोतस्विनी, आपगा, निम्रगा, कूलंकषा, तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।
नौका– नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, तरी, पतंग।
नाग– विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प, साँप।
नर्क– यमलोक, यमपुर, नरक, यमालय।
नर– जन, मानव, मनुष्य, पुरुष, मर्त्य, मनुज।
निंदा– दोषारोपण, फटकार, बुराई, भर्त्सना।
नेत्र– चक्षु, लोचन, नयन, अक्षि, चख, आँख।
नंदकुमार– नंदलाल, नंदकिशोर, नंदनंदन, कृष्ण, मुरारी, मोहन।
नंदिनी– बेटी, पुत्री, अंगजा, तनुजा, सुता, धी, दुहिता।
नक्षत्र– उडु, तारिका, नखत, जुन्हाई।
नगपति– हिमालय, पर्वतराज, पर्वतेश्वर, नगेश, नगेंद्र, शैलेन्द्र।
नजीर– मिसाल, दृष्टांत, उदाहरण।
नशेमन– होंसला, आशियाना, नीड़।
नश्वर– नाशवान, फानी, क्षयी, क्षर, भंगुर, मर्त्य।
नसीहत– शिक्षा, सीख, उपदेश।
नसैनी– जीना, सीढ़ी, सोपान।
नाऊ– हज्जाम, हजाम, क्षौरकार, नाई, नाऊठाकुर।
नामर्द– क्लीव, नपुंसक, पुंसत्वहीन।
नारी– स्त्री, वनिता, महिला, मानवी।
नाविक– केवट, खेवट, मल्लाह, खिवैया।
नाहर– शेर, सिंह, मृगराज, मृगेंद्र, केसरी, केहरी।
निभृत– एकांत, निर्जन, जनशून्य, विजन, वीरान, सुनसान।
नियम– उसूल, सिद्धांत, विधि, रीति।
निरक्षर– अनपढ़, अपढ़, अशिक्षित, लाइल्म।
निराला– अनूठा, अनोखा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय।
निवेदन– विनय, अनुनय, विनती, प्रार्थना, गुजारिश, इल्तजा।
निशा– रात्रि, रैन, रात, निशि, विभावरी।
निष्ठुर– निर्दयी, निर्मम, संगदिल, क्रूर, कठोर।
नीरस– फीका, बेरस, बेजायका, अस्वाद।
नूतन– नव, नवल, नव्य, नवीन।
नूर– आभा, आलोक, कांति, तेज, प्रकाश।
नौकर– भृत्य, चाकर, किंकर, मुलाजिम, खादिम।
न्यौता– निमंत्रण, आमंत्रण, बुलावा।
नया– नूतन, नव, नवीन, नव्य।
( प )
पति– भर्ता, वल्लभ, स्वामी, प्राणाधार, प्राणप्रिय, प्राणेश, आर्यपुत्र।
पत्नी– भार्या, दारा, बेगम, कलत्र, प्राणप्रिया, वधू, वामा, अर्धांगिनी, सहधर्मिणी, गृहणी, बहु, वनिता, जोरू, वामांगिनी।
पक्षी– खेचर, दविज, पतंग, पंछी, खग, विहग, परिन्दा, शकुन्त, अण्डज, चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर।
पर्वत– पहाड़, गिरि, अचल, भूमिधर, तुंग आद्रि, शैल, धरणीधर, धराधर, नग, भूधर, महीधर।
पण्डित- सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण।
पुत्र– बेटा, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।
पुत्री– बेटी, आत्मजा, तनूजा, दुहिता, नन्दिनी, लड़की, सुता, तनया।
पृथ्वी– धरा, धरती, भू, इला, उर्वी, धरित्री, धरणी, अवनि, मेदिनी, क्षिति, मही, वसुंधरा, वसुधा, जमीन, भूमि।
पुष्प– फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुहुप।
पानी– जल, नीर, सलिल, अंबु, अंभ, उदक, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत, मेघपुष्प, सारंग।
पार्वती– अपर्णा, अंबिका, आर्या, उमा, गौरी, गिरिजा, भवानी, रुद्राणी, शिवा।
परिवार– कुटुंब, कुनबा, खानदान, घराना।
परिवर्तन– बदलाव, हेरफेर, तबदीली, फेरबदल।
पत्थर– पाहन, पाषाण, प्रस्तर, उपल।
पथ– मग, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता।
पिता– जनक, तात, पितृ, बाप।
प्रकाश– ज्योति, चमक, प्रभा, छवि, द्युति।
पेड़– तरु, द्रुम, वृक्ष, पादप, रुक्ष।
पैर– पाँव, पद, चरण, पाद, पग।
पंक– कीचड़, कीच, कर्दम, चहला।
पंकज– कमल, राजीव, पद्म, सरोज, नलिन, जलज।
पंख– डैना, पक्ष, पर, पखौटा, पाँख।
पंगु– अपाहिज, लंगड़ा, विकलांग, अपंग।
पत्ता– पत्ती, पात, पाती, पल्लव, पर्ण।
पथिक– राही, राहगीर, यात्री, बटोही, मुसाफिर, पंथी।
परवाना– फतिंगा, पतंगा, शलभ, फुनगा, भुनगा।
परिणति– नतीजा, अंजाम, फल, परिणाम।
परिणय– शादी, विवाह, ब्याह, पाणिग्रहण।
परोपकार– परहित, भलाई, नेकी, परकाज, परमार्थ, परार्थ।
पर्जन्य– बादल, मेघ, घनश्याम, नीरद, वारिद, जलद।
पर्याय– समानार्थी, एकार्थी, एकार्थवाची।
पलटन– सेना, आर्मी, लश्कर, चमू, फौज।
पहेली– प्रहेलिका, मुअम्मा, मुकरी, कूटप्रश्न, बुझौवल।
पाठशाला– स्कूल, विद्यापीठ, विद्यालय, मदरसा।
पातक– पाप, गुनाह, अघ, कल्मष।
पावस– वर्षाकाल, वर्षाऋतु, बारिस।
पाशविक– अमानवीय, बर्बर, क्रूर, अमानुषिक, पैशाचिक।
पाहुना– मेहमान, अतिथि, पाहुन, अभ्यागत।
पिक– कोयल, कोकिला, कोयलिया।
पृष्ठ– पेज, वर्क, सफहा, सफा, पन्ना।
पौ- सवेरा, सुबह, भोर, प्रातः।
पौरस्त्य– पूरबी, पूर्वी, प्राच्य, मशरिक़ी।
प्रजा– जनता, रिआया, रैयत, परजा।
प्रतिदिन– रोजाना, हर दिन, हर रोज, रोज, रोज-रोज।
प्रतियोगिता– स्पर्धा, प्रतिस्पर्धा, मुकाबला, होड़।
प्रवाद– अफवाह, किंवदंती, जनश्रुति।
प्रहरी– द्वारपाल, पहरेदार, प्रतिहारी, दरबान, चौकीदार।
प्राज्ञ– विद्वान, महाज्ञानी, बुद्धिमान, चतुर।
प्रासाद– महल, राजमहल, राजनिवास, राजभवन।
प्रेक्षागृह– नाट्यगृह, छविगृह, नाट्यशाला, रंगशाला, रंगभूमि, रंगस्थली।
पवन– वायु, हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, समीरण, स्पर्शन।
( फ )
फल– फलम, बीजकोश।
फ़ख– गौरव, नाज, गर्व, अभिमान।
फजर– भोर, सवेरा, प्रभात, सहर, सकार।
फतह– सफलता, विजय, जीत, जफर।
फरमान– हुक्म, राजादेश, राजाज्ञा।
फलक– आसमान, आकाश, गगन, नभ, व्योम।
फसल– शस्य, पैदावार, उपज, खिरमन, कृषि- उत्पाद।
फालिज– पक्षाघात, अर्धांग, अधरंग, अंगघात।
फितरत– स्वभाव, प्रकृति, प्रवृत्ति, मनोवृत्ति, मिजाज।
फूट– मतभेद, मनमुटाव, अनबन, परस्पर, कलह।
फूल– पुष्प, सुमन, कुसुम, गुल, प्रसून।
( ब )
बाण– सर, तीर, सायक, विशिख, आशुग, इषु, शिलीमुख, नाराच।
बिजली– घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, बीजुरी, क्षणप्रभा, घनवल्ली, शया, ऐरावती, दामिनी, ताडित, विद्युत।
ब्रह्मा– विधि, विधाता, स्वयंभू, प्रजापति, आत्मभू, लोकेश, पितामह, चतुरानन, विरंचि, अज, कर्तार, कमलासन, नाभिजन्म, हिरण्यगर्भ।
ब्राह्मण– द्विज, भूदेव, विप्र, महीदेव, अग्रजन्मा, द्विजाति, भूसुर, महीसुर, वाडव, भूमिसुर, भूमिदेव।
बहुत– अनेक, अतीव, अति, बहुल, भूरि, बहु, प्रचुर, अपरिमित, प्रभूत, अपार, अमित, अत्यन्त, असंख्य।
बादल– मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर।
बालू– रेत, बालुका, सैकत।
बन्दर– वानर, कपि, कपीश, मर्कट, कीश, शाखामृग, हरि।
बगीचा– बाग़, वाटिका, उपवन, उद्यान, फुलवारी, बगिया।
बाल– कच, केश, चिकुर, चूल।
बंकिम– बाँका, तिरछा, वक्र, बंक, आड़ा।
बंजर– अनुपजाऊ, अनुर्वर, ऊसर।
बंदीगृह– कारागृह, कारागार, कारावास, कैदखाना, जेल।
बंधु– भ्राता, भाई, सहोदर, अग्रज, अनुज।
बख़ील– कंजूस, मक्खीचूस, कृपण, खसीस, सूम, मत्सर।
बजरंगबली– हनुमान, वायुपुत्र, केसरीनंदन, पवनपुत्र, बज्रांगी, महावीर।
बटमार– डाकू, लुटेरा, राहजन।
बटोही– मुसाफिर, राही, राहगीर, पथिक, पंथी, यात्री।
बहेलिया– आखेटक, अहेरी, शिकारी, आखेटी।
बाँसुरी– वेणु, बंशी, मुरली, बंसुरी।
बाजि– घोड़ा, अश्व, घोटक, तुरंग, तुरग, हय।
बायस– कौआ, कागा, काक, एकाक्ष।
बारिश– चौमासा, बरसात, वर्षा, वर्षाऋतु।
बुड्ढा– बूढ़ा, बुजुर्ग, वृद्ध, जईफ, वयोवृद्ध।
बेगम– महारानी, रानी, राज्ञी, राजमहिषी।
बेमिसाल– बेजोड़, लाजवाब, अनोखा, लासानी, अतुलनीय।
बैल– वृष, वृषभ, ऋषभ, वलीवर्द।
बलदेव– बलराम, बलभद्र, हलायुध, राम, मूसली, रोहिणेय, संकर्षण।
( भ )
भौंरा- अलि, मधुव्रत, शिलीमुख, मधुप, मधुकर, द्विरेप, षट्पद, भृंग, भ्रमर।
भोजन- खाना, भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार।
भय– भीति, डर, विभीषिका।
भाई– तात, अनुज, अग्रज, भ्राता, भ्रातृ।
भंगुर– नाशवान, नश्वर, अनित्य, क्षर, मर्त्य, विनश्वर।
भंडारी– रसोइया, खानसामा, महाराज, रसोईदार।
भंवरा– भौंरा, भ्रमर, मधुकर, मधुप, मिलिंद, अलि, अलिंद, भृंग।
भक्त– आराधक, अर्चक, पुजारी, उपासक, पूजक।
भगिनी– बहन, बहना, स्वसा, अग्रजा।
भद्र– शिष्ट, शालीन, कुलीन, सभ्य, सलीकेदार, बासलीक़ा।
भरतखंड– भारतवर्ष, आर्यावर्त, भारत, हिंदुस्तान, हिंदोस्ताँ।
भरोसा– यकीन, विश्वास, ऐतबार, अक़ीदा, आश्वास।
भव– संसार, दुनिया, जग, जहाँ, विश्व, खलक, खल्क।
भविष्य– भावी, अनागत, भविष्यतकाल, मुस्तकबिल, भविष्यद।
भारती– शारदा, सरस्वती, वाग्देवी, वीणावादिनी, विद्या, वागेश्वरी, वागीशा।
भाल– मस्तक, पेशानी, माथा, ललाट।
भाला– बर्छा, बरछा, नेजा, कुंत, शलाका।
भीष्म– गंगापुत्र, शांतनुसुत, भीष्मपितामह, देवव्रत।
भुजा– भुज, बाहु, बाँह, बाजू।
भेद– फर्क, अंतर, भिन्नता, विषमता।
भ्रष्ट– पथभ्रष्ट, पतित, बदचलन, दुश्चरित्र, आचरणहीन।
भ्रू– भौंह, भौं, भृकुटि, भँव, त्यौरी।
भूषण– जेवर, गहना, आभूषण, अलंकार।
( म )
मछली- मीन, मत्स्य, झख, झष, जलजीवन, शफरी, मकर।
महादेव- शम्भु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्र्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन।
मेघ– घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अम्बुद, पयोधर।
मुनि– यती, अवधूत, संन्यासी, वैरागी, तापस, सन्त, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष।
मित्र– सखा, सहचर, स्नेही, स्वजन, सुहृदय, साथी, दोस्त।
मोर– केक, कलापी, नीलकंठ, शिखावल, सारंग, ध्वजी, शिखी, मयूर, नर्तकप्रिय।
मनुष्य– आदमी, नर, मानव, मानुष, जन, मनुज।
मदिरा– शराब, हाला, आसव, मधु, मद्य, वारुणी, सुरा, मद।
मधु– शहद, रसा, शहद, कुसुमासव।
मृग– हिरण, सारंग, कृष्णसार।
माता– जननी, माँ, अंबा, जनयत्री, अम्मा।
मूर्ख– गँवार, अल्पमति, अज्ञानी, अपढ़, जड़।
मृत्यु– देहांत, मौत, अंत, स्वर्गवास, निधन, देहावसान, पंचत्व, इंतकाल, काशीवास, गंगालाभ, निर्वाण, मरण।
माँ– अंबा, अम्बिका, अम्मा, जननी, धात्री, प्रसू।
मुर्गा– तमचूक, अरुणशिखा, ताम्रचूड़, कुक्कुट।
मग– पन्थ, मार्ग, बाट, पथ, राह।
मूढ़– मूर्ख, अज्ञानी, निर्बुद्धि, जड़, गंवार।
मैना– सारी, सारिका, त्रिलोचना, मधुरालाषा, कलहप्रिया।
मूँगा– प्रवाल, रक्तांग, विद्रुम, रक्तमणि।
मंजुल– मोहक, मनोहर, आकर्षक, शोभनीय, सुंदर।
मंजूषा– संदूक, बक्स, पिटारी, पिटक, पेटी, झाँपी।
मंतव्य– अभिमत, सम्मति, राय, सलाह, विचार।
मंसूख– रद्द, निरस्त, ख़ारिज, निरसित।
मकड़ी– मकरी, लूता, लूतिका, लूत।
मकतब– स्कूल, पाठशाला, विद्यालय, विद्यापीठ।
मकर– मगर, मगरमच्छ, घड़ियाल, नक्र, ग्राह, झषराज।
मजार– मकबरा, समाधि, कब्र, इमामबाड़ा।
मटका– कुंभ, झट, घड़ा, कलश।
मत्सर– द्वेष, ईर्ष्या, कुढ़न, जलन, डाह।
मनीषा– मति, बुद्धि, मेधा, प्रज्ञा, विचार।
मयूख– किरन, किरण, रश्मि, अंशु, मरीचि।
मरघट– मसान, मुर्दघाट, श्मशान, श्मशानघाट।
मरहूम– स्वर्गवासी, मृत, गोलोकवासी, दिवंगत।
मराल– हंस, राजहंस, सितपक्ष, धवलपक्ष।
मरुत– पवन, वायु, हवा, वात, समीर, मारुत।
मर्कट– बंदर, कपि, कीश, वानर, शाखामृग।
मशहूर– नामी, प्रसिद्ध, ख्यात, विख्यात, ख्यातिप्राप्त, प्रख्यात।
महक– खुशुबू, सुवास, सुगंध, सुगंधि, सौरभ।
महाभारत– भारत, जयकाव्य, पंचमवेद, जय, महायुद्ध।
महावत– हाथीवान, पीलवान, फीलवान, आकुंशिक।
मिथुन– युग्म, युगल, जोड़ा, यमल।
मुकुट– ताज, उष्णीष, किरीट, राजमुकुट।
मुकुल– कलिका, कली, शिगूफा, कोरक, गुंजा।
मुगालता– भ्रांति, भ्रम, गलतफ़हमी, मतिभ्रम।
मुदर्रिस– शिक्षक, अध्यापक, गुरु, आचार्य, उस्ताद।
मृषा– मिथ्या, झूठ, असत्य, अनृत।
मोक्ष– मुक्ति, परधाम, निर्वाण, कैवल्य, सद्गति, निर्वाण, परमपद, अपवर्ग।
( य )
यम– सूर्यपुत्र, जीवितेश, श्राद्धदेव, कृतांत, अन्तक, धर्मराज, दण्डधर, कीनाश, यमराज।
यमुना– कालिन्दी, सूर्यसुता, रवितनया, तरणि-तनूजा, तरणिजा, अर्कजा, भानुजा।
यंत्रणा– व्यथा, तकलीफ, वेदना, यातना, पीड़ा।
यकीन– भरोसा, ऐतबार, आस्था, विश्वास।
यकृत– जिगर, कलेजा, जिगरा, पित्ताशय।
यक्ष्मा– टी.बी., तपेदिक, राजरोग, क्षय।
यज्ञोपवीत– जनेऊ, उपवीत, ब्रह्मसूत्र।
यतीम– बेसहारा, अनाथ, माँ-बापविहीन।
यशस्वी– मशहूर, विख्यात, नामवर, कीर्तिवान, ख्यातिवान।
यशोदा– यशोमति, जसोदा, नंदरानी।
यशोधरा– गौतम-पत्नी, गौतमी, गोपा।
याज्ञसेनी– पांचाली, द्रौपदी, सैरंध्री, द्रुपदसुता, कृष्णा।
याद– स्मृति, स्मरण, स्मरण-शक्ति, सुध, याद्दाश्त।
याम– पहर, प्रहर, बेला, वेला, जून।
यामिनी– रजनी, रात, रात्रि, रैन, राका, निशा।
युग– जुग, दौर, मन्वंतर, काल, कल्प, जमाना।
युद्ध– संग्राम, संघर्ष, समर, लड़ाई, रण, द्वंद्व।
युद्धभूमि– रणक्षेत्र, रणभूमि, समरभूमि, संग्रामभूमि, युद्धस्थल।
युधिष्ठिर– कौन्तेय, धर्मराज, धर्मपुत्र, अजातशत्रु।
योषा– योषिता, नारी, स्त्री, औरत, वनिता, महिला, तिरिया।
योम– दिवस, दिनमान, दिन, अह, सूर्यकाल।
युवति– युवती, सुन्दरी, श्यामा, किशोरी, तरुणी, नवयौवना।
( र )
रात्रि– निशा, क्षया, रैन, रात, यामिनी, रजनी, त्रियामा, क्षणदा, शर्वरी, तमस्विनी, विभावरी।
रात– रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।
राजा– नृपति, भूपति, नरपति, नृप, महीप, राव, सम्राट, भूप, भूपाल, नरेश, महीपति, अवनीपति।
रवि– सूरज, दिनकर, प्रभाकर, दिवाकर, सविता, भानु, दिनेश, अंशुमाली, सूर्य।
रमा– इन्दिरा, हरिप्रिया, श्री, लक्ष्मी, कमला, पद्मा, पद्मासना, समुद्रजा, श्रीभार्गवी, क्षीरोदतनया।
रामचन्द्र– अवधेश, सीतापति, राघव, रघुपति, रघुवर, रघुनाथ, रघुराज, रघुवीर, रावणारि, जानकीवल्लभ, कमलेन्द्र, कौशल्यानन्दन।
रावण– दशानन, लंकेश, लंकापति, दशशीश, दशकंध, दैत्येन्द्र।
राधिका– राधा, ब्रजरानी, हरिप्रिया, वृषभानुजा।
रक्त– खून, लहू, रुधिर, शोणित, लोहित।
राक्षस– दैत्य, असुर, निशाचर।
( ल )
लक्ष्मी– चंचला, कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा, पद्ममा, सिन्धुसुता, कमलासना।
लड़का– बालक, शिशु, सुत, किशोर, कुमार।
लड़की– बालिका, कुमारी, सुता, किशोरी, बाला, कन्या।
लक्ष्मण– लखन, शेषावतार, सौमित्र, रामानुज, शेष।
लौह– अयस, लोहा, सार।
लता– बल्लरी, बल्ली, बेली।
( व )
वृक्ष– तरू, अगम, पेड़, पादप, विटप, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।
विवाह– शादी, गठबंधन, परिणय, व्याह, पाणिग्रहण।
वायु– हवा, पवन, समीर, अनिल, वात, मारुत।
वसन– अम्बर, वस्त्र, परिधान, पट, चीर।
विधवा– अनाथा, पतिहीना, राँड़।
विष– ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।
विष्णु– नारायण, दामोदर, पीताम्बर, माधव, केशव, गोविन्द, चतुर्भज, उपेन्द्र, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वम्भर, लक्ष्मीपति, मधुरिपु।
विश्व– जगत, जग, भव, संसार, लोक, दुनिया।
विद्युत– चपला, चंचला, दामिनी, सौदामिनी, तड़ित, बीजुरी, घनवल्ली, क्षणप्रभा, करका।
वारिश– वर्षण, वृष्टि, वर्षा, पावस, बरसात।
वीर्य– जीवन, सार, तेज, शुक्र, बीज।
वज्र– कुलिस, पवि, अशनि, दभोलि।
विशाल– विराट, दीर्घ, वृहत, बड़ा, महा, महान।
वर्षा– पावस, बरसात, वर्षाकाल, चौमासा, वर्षाऋतु।
वसन्त– मधुमास, माधव, कुसुमाकर, ऋतुराज।
वन– कानन, विपिन, अरण्य, कांतार
( श, ष)
शेर-हरि, मृगराज, व्याघ्र, मृगेन्द्र, केहरि, केशरी, वनराज, सिंह, शार्दूल, हरि, मृगराज।
शिव– भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।
शरीर– देह, तनु, काया, कलेवर, वपु, गात्र, अंग, गात।
शत्रु– रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, प्रतिपक्षी, अरि, विपक्षी, अराति।
शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
शेषनाग– अहि, नाग, भुजंग, व्याल, उरग, पन्नग, फणीश, सारंग।
शुभ्र– गौर, श्वेत, अमल, वलक्ष, धवल, शुक्ल, अवदात।
शहद– पुष्परस, मधु, आसव, रस, मकरन्द।
सरस्वती– गिरा, शारदा, भारती, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी।
सेना– ऊनी, कटक, दल, चमू, अनीक, अनीकिनी।
साधु– सज्जन, भद्र, सभ्य, शिष्ट, कुलीन।
सलिल– अम्बु, जल नीर, तोय, सलिल, पानी, वारि।
सगर्भ– बंधु, भाई, सजात, सहोदर, भ्राता, सोदर।
सगर्भा– भगिनी, सजाता, सहोदर, बहिन, सोदरा।
षंड– हीजड़ा, नपुंसक, नामर्द।
षडानन– षटमुख, कार्तिकेय, षाण्मातुर।
( स )
समुद्र– सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, नीरनिधि, अर्णव, पयोनिधि, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।
समूह– दल, झुंड, समुदाय, टोली, जत्था, मण्डली, वृंद, गण, पुंज, संघ, समुच्चय।
सरस्वती– गिरा, भाषा, भारती, शारदा, ब्राह्यी, वाक्, जातरूप, हाटक, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी।
सुमन– कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुष्प, फूल ।
सीता– वैदेही, जानकी, भूमिजा, जनकतनया, जनकनन्दिनी, रामप्रिया।
सर्प– साँप, अहि, भुजंग, ब्याल, फणी, पत्रग, नाग, विषधर, उरग, पवनासन।
सोना– स्वर्ण, कंचन, कनक, सुवर्ण, हाटक, हिरण्य, जातरूप, हेम, कुंदन।
सूर्य– रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, मरीची, दिनेश, भास्कर, दिनकर, दिवाकर, भानु, अर्क, तरणि, पतंग, आदित्य, सविता, हंस, अंशुमाली, मार्तण्ड।
संसार– जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया।
सिंह– केसरी, शेर, महावीर, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेन्द्र, केहरी, केशी, ललित, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज।
सम– सर्व, समस्त, सम्पूर्ण, पूर्ण, समग्र, अखिल, निखिल।
समीप– सन्निकट, आसन्न, निकट, पास।
सभा– अधिवेशन, संगीति, परिषद, बैठक, महासभा।
सुन्दर– कलित, ललाम, मंजुल, रुचिर, चारु, रम्य, मनोहर, सुहावना, चित्ताकर्षक, रमणीक, कमनीय, उत्कृष्ट, उत्तम, सुरम्य।
सन्ध्या– सायंकाल, शाम, साँझ, प्रदोषकाल, गोधूलि।
स्त्री– सुन्दरी, कान्ता, कलत्र, वनिता, नारी, महिला, अबला, ललना, औरत, कामिनी, रमणी।
सुगंधि- सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू।
स्वर्ग– सुरलोक, देवलोक, दिव्यधाम, ब्रह्मधाम, द्यौ, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक।
स्वर्ण– सुवर्ण, कंचन, हेन, हारक, जातरूप, सोना, तामरस, हिरण्य।
सहेली– अलि, भटू, संगिनी, सहचारिणी, आली, सखी, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री।
संसार– लोक, जग, जहान, भूमण्डल, दुनियाँ, भव, जगत, विश्व।
( ह )
हस्त– हाथ, कर, पाणि, बाहु, भुजा।
हिमालय– हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगपति, हिमपति, नगराज, हिमाद्रि, नगेश।
हिरण– सुरभी, कुरग, मृग, सारंग, हिरन।
होंठ– अक्षर, ओष्ठ, ओंठ।
हनुमान– पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, रामदूत, मारुततनय, अंजनीपुत्र, आंजनेय, कपीश्वर, केशरीनंदन, बजरंगबली, मारुति।
हिमांशु– हिमकर, निशाकर, क्षपानाथ, चन्द्रमा, चन्द्र, निशिपति।
हंस– कलकंठ, मराल, सिपपक्ष, मानसौक।
हृदय– छाती, वक्ष, वक्षस्थल, हिय, उर।
हाथ– हस्त, कर, पाणि।
हाथी– नाग, हस्ती, राज, कुंजर, कूम्भा, मतंग, वारण, गज, द्विप, करी, मदकल।
इसे जरुर पढ़े :
लड़की की Photo पर क्या Comment करे 2023| Ladki Ki Photo Par Kya Comment Kare